नयी दिल्ली : संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को लोकसभा चुनाव के सफल आयोजन के लिए चुनाव आयोग, सुरक्षाकर्मियो को बधाई दी. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए 61 करोड़ से अधिक लोगों ने मतदान कर रिकॉर्ड बनाया, पहले की तुलना में महिलाओं की मतदान में सर्वाधिक हिस्सेदारी रही. लोगों ने 2014 में शुरू हुई भारत की विकास यात्रा को जारी रखने के लिए जनादेश दिया. उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने पिछले 21 दिनों में किसान, व्यापारियों समेत समाज के सभी वर्गों के लिये कई फैसले किये और उन पर अमल शुरू कर दिया है.
राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी की 150 जयंती वर्ष में संसद के पहले सत्र को संबोधित करने पर राष्ट्रपति ने हर्ष व्यक्त किया और नवनिर्वाचित सांसदों को बधाई दी. अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति ने लोकसभा के नए अध्यक्ष ओम बिड़ला को भी बधाई दी.
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि इस बार 78 महिला सांसदों का चुना जाना नये भारत के तस्वीर प्रस्तुत करता है. भारत की विविधताएं इस सत्र में नजर आ रही है क्योंकि इस बार कई क्षेत्रों से सदस्य चुनकर संसद पहुंचे हैं. खेल, शिक्षा, वकालत, फिल्म, समाज सेवा हर क्षेत्र से आए लोग संसद में मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि देश की जनता ने बहुत की स्पष्ट जनादेश देने का काम किया है और पहले कार्यकाल के मूल्यांकन के बाद दूसरी बार बड़ा जनादेश दिया है.
संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने आगे कहा कि 2014 से पहले के वातावरण से सभी देशवासी परिचित है और देश को निराशा के माहौल का निकालने का काम किया गया है. मेरी सरकार ने सबका साथ-सबका विकास के नारे पर काम किया है, जहां किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाता है. मेरी सरकार पहले दिन से ही देशवासियों का जीवन सुधारने, कुशासन से पैदा संकट दूर करने के लिए समर्पित है.
राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार एक मजबूत, सुरक्षित और समावेशी भारत बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है. जल संकट की समस्या है. जल स्रोत लुप्त हो रहे हैं. आने वाले समय में इसके और गहराने की आशंका है, स्वच्छ भारत की तरह जल संरक्षण के लिये भी गंभीरता दिखानी होगी. ‘जल शक्ति’ मंत्रालय का सृजन जल संरक्षण की दिशा में एक कदम है क्योंकि आने वाले समय में जल संकट गहरा हो सकता है. उन्होंने कहा कि किसान और छोटे व्यापारियों को सम्मानपूर्ण जीवन मिले, इसके लिए सरकार ने उनके लिए पेंशन योजना शुरू की है.
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि कृषि क्षेत्र में संरचनात्मक सुधारों के लिये उच्च अधिकार प्राप्त समिति गठित करने का निर्णय किया गया है, उत्पादकता बढ़ाने के लिये 25 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ‘नेशनल डिफेंस फंड’ से वीर जवानों के बच्चों को मिलने वाली स्कॉलरशिप की राशि बढ़ा दी गयी है. इसमें पहली बार राज्य पुलिस के जवानों के बेटे-बेटियों को भी शामिल किया गया है. महिला सशक्तिकरण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस संबंध में राज्यों के सहयोग से कई कदम उठाए गये हैं.नारी का सबल होना तथा समाज और अर्थव्यवस्था में उनकी प्रभावी भागीदारी, एक विकसित समाज की कसौटी होती है. सरकार की यह सोच है कि न केवल महिलाओं का विकास हो, बल्कि महिलाओं के नेतृत्व में विकास हो.महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के लिए दंड अधिक सख्त बनाए गये हैं और नये दंड प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जा रहा है. देश में हर बहन-बेटी के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करने हेतु ‘तीन तलाक’ और ‘निकाह-हलाला’ जैसी कुप्रथाओं का उन्मूलन जरूरी.उन्होंने कहा कि मैं सभी सदस्यों से अनुरोध करूंगा कि हमारी बहनों और बेटियों के जीवन को और सम्मानजनक एवं बेहतर बनाने वाले इन सभी प्रयासों में अपना सहयोग दें.
राष्ट्रपति ने कहा कि देश के 112 ‘आकांक्षी’ जिलों (पिछड़े जिलों) के विकास के लिए व्यापक स्तर पर कार्य हो रहा है.देश के 50 करोड़ गरीबों को ‘स्वास्थ्य-सुरक्षा-कवच’ प्रदान करने वाली विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत योजना’ लागू की गयी है.26 लाख गरीब मरीजों को ‘आयुष्मान भारत योजना’ से लाभ हुआ , संभावना है कि साल 2022 तक 1.5 लाख ‘वेलनेस सेंटर’ काम करने लगेंगे.
राष्ट्रपति ने कहा कि उद्यमियों के लिए बिना गारंटी के, 50 लाख रुपये तक के ऋण की योजना भी लायी जाएगी. राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण अंचलों की तीन करोड़ महिलाओं को अब तक दो लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण दिया जा चुका है. आज भारत दुनिया के सबसे अधिक स्टार्ट-अप वाले देशों में शामिल हो गया है. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत, स्वरोजगार के लिए लगभग 19 करोड़ ऋण दिए गए हैं। इस योजना का विस्तार करते हुए अब 30 करोड़ लोगों तक इसका लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा. कर व्यवस्था में निरंतर सुधार के साथ-साथ सरलीकरण पर भी जोर दिया जा रहा है. 5 लाख रुपये तक की आय को कर-मुक्त करने का फैसला इसी दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने कहा कि कारोबार सुगमता की रैंकिंग में वर्ष 2014 में भारत 142वें स्थान पर था. पिछले 5 वर्षों में 65 रैंक ऊपर आकर हम 77वें स्थान पर पहुंच गये हैं. अब विश्व के शीर्ष 50 देशों की सूची में आना हमारा लक्ष्य है.
राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार 2024 तक उच्च शिक्षण संस्थानों में सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए काम कर रही है, दो करोड़ और सीटों का सृजन किया जाएगा. आज भारत विश्व की सबसे तेज़ी से विकसित हो रही अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक है. मेरी सरकार गंगा की धारा को अविरल एवं निर्मल बनाने के लिए सतत भाव से जुटी हुई है. उन्होंने कहा कि ऋण शोधन अक्षमता और दिवाला संहिता देश के सबसे बड़े और सबसे प्रभावी आर्थिक सुधारों में से एक है. इस संहिता के अमल में आने के बाद प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों की साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि का निपटारा हुआ है. आर्थिक अपराध करके भाग जाने वालों पर नियंत्रण करने में भगोड़ा और आर्थिक अपराधी कानून उपयोगी सिद्ध हो रहा है.काले धन के खिलाफ शुरू की गई मुहिम को और तेज गति से आगे बढ़ाया जाएगा. पिछले दो वर्ष में 4 लाख 25 हजार निदेशकों को अयोग्य घोषित किया गया है और 3 लाख 50 हजार संदिग्ध कंपनियों का पंजीकरण रद्द किया जा चुका है.