13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

प्रिंस जो 13 साल पहले बोरवेल में गिरा था, अब क्या कर रहा है

<figure> <img alt="प्रिंस" src="https://c.files.bbci.co.uk/8EF7/production/_107199563_pr1.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>चमकती आंखें और चेहरे पर मुस्कान लिए खड़ी उस नन्ही बच्ची ने कहा ‘मेरे पीछे पीछे आ जाइए’.</p><p>नंगे पैर तेज़ चाल चल रही वो लड़की हमें एक दरवाज़े के आगे खड़ा करके तपती दोपहर में कहीं ग़ायब हो गई.</p><p>जैसे ही दरवाज़ा खुला तो तकरीबन साढ़े पांच फीट […]

<figure> <img alt="प्रिंस" src="https://c.files.bbci.co.uk/8EF7/production/_107199563_pr1.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>चमकती आंखें और चेहरे पर मुस्कान लिए खड़ी उस नन्ही बच्ची ने कहा ‘मेरे पीछे पीछे आ जाइए’.</p><p>नंगे पैर तेज़ चाल चल रही वो लड़की हमें एक दरवाज़े के आगे खड़ा करके तपती दोपहर में कहीं ग़ायब हो गई.</p><p>जैसे ही दरवाज़ा खुला तो तकरीबन साढ़े पांच फीट लंबा एक लड़का सामने आ खड़ा हुआ. चेहरे पर हल्की मुस्कान और गरमजोशी से हाथ मिला कर स्वागत करने वाला ये लड़का प्रिंस था.</p><p>वही प्रिंस जिसकी सलामती के लिए 13 साल पहले पूरे देश ने दुआ की थी ताकि उस गहरे बोरवेल से उसे बाहर निकाला जा सके.</p><p>हम पहुंचे थे हरियाणा के कुरूक्षेत्र ज़िले के गांव हलदेहेड़ी. वही गांव जहां चार साल के प्रिंस को बचाने के लिए तकरीबन 50 घंटे बचाव कार्य जारी रहा था.</p><p>मीडिया के कैमरों की फ्लैश और न्यूज़ चैनलों की ओबी वैनों का जमावड़ा बॉलीवु़ड फिल्म पीपली लाईव के दृश्यों से कम नहीं था.</p><p>प्रिंस के घर के अंदर दाखिल होते ही मकान की दीवारों और फर्श पर पड़ीं दरारें परिवार की आर्थिक हालत बयां कर रहीं थीं.</p><figure> <img alt="प्रिंस" src="https://c.files.bbci.co.uk/00F9/production/_107194200_pr11.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>घर में शौचालय तो बना है लेकिन दरवाजा नहीं लगा था और निजता की रक्षा पर्दा कर रहा था.</p><p>हमें बैठे कुछ पल ही हुए थे कि प्रिंस के पिता रामचंद्र घर के एक कमरे से निकल कर हमारे पास आ कर बैठ गए और उनके पीछे-पीछे प्रिंस और उसका छोटे भाई चाय-पानी ले आए.</p><p>प्रिंस की मां के बारे मे पूछा तो पता चला कि वो गांव में ही एक भजन-कीर्तन में शामिल होने गईं हैं.</p><p>&quot;और बताइए काम पर नहीं गए&quot; प्रिंस के पिता से ये सवाल पूछा तो उनका जवाब था, ”कोई बात नहीं दोपहर बाद चला जाउंगा, दिहाड़ी-मज़दूरी के दौरान मिलने आना मुश्किल है.”</p><p><strong>ये भी पढ़ें- </strong></p> <ul> <li><a href="http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2016/04/160422_maharashtra_drought_boy_died_pj?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">पानी लेने गया बच्चा कुएं में गिरा, मौत</a></li> </ul> <ul> <li><a href="http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2014/02/140130_maruti_worker_women_da?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">’पति जेल में, तो अच्छा हुआ बच्चा गिर गया'</a></li> </ul> <ul> <li><a href="http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2014/11/141120_baby_elephant_rescue_odisha_rns?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">तस्वीरें- गड्ढे में गिरा हाथी का बच्चा.-</a></li> </ul><p>बातें आगे बढ़ीं तो प्रिंस के पिता रामचंद्र घर के हालात, मज़दूरी और खेती के संकट की चर्चा करने लगे.</p><figure> <img alt="प्रिंस" src="https://c.files.bbci.co.uk/10E1D/production/_107194196_pr10.png" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>सारी बातें प्रिंस और उसका भाई पास खड़े बड़े ध्यान से सुन रहे थे.</p><p>हमने पूछा साल 2006 में प्रिंस के बोरवेल में गिरना और अचानक सारी दुनिया से उनके परिवार का परिचय होना कैसा था और अब ज़िंदगी कैसी चल रही है?</p><p>रामचंद्र कहने लगे, ”देखो जी, उस समय पता नहीं कहां-कहां से लोग आए थे. हम मशहूर हो गए, हमें कुछ पैसे भी मिले तभी तो जो ये पक्का मकान आप देख रहें हैं बन पाया.”</p><p>रामचंद्र आगे कहने लगे कि उन दिनों काफ़ी व्यस्तता थी पर धीरे-धीरे ज़िंदगी पहले जैसी हो गई और हम दिहाड़ी-मज़दूरी करके पेट पालने लगे. </p><p>इसी दौरान गली में शायद मोटरसाइकिल पर आए एक लड़के ने आवाज़ दी, ‘प्रिंस…प्रिंस…'</p><p><a href="https://www.youtube.com/watch?v=V7YdAqm0tcY">https://www.youtube.com/watch?v=V7YdAqm0tcY</a></p><p>प्रिंस कुछ देर के लिए बाहर गया और अंदर आ कर धीरे से कहने लगा, ”अगर आपको मुझसे बातचीत करना चाहते हैं तो कृप्या जल्दी कर लें, मुझे पास वाले गांव में एक दोस्त के बर्थडे पार्टी में जाना है.”</p><p>बातचीत करने से पहले वो हमें दो घर छोड़कर उस जगह ले गया जहां वो बोरवेल में गिरा था.</p><p>हालांकि जिस जगह वो बोरवेल था उसे मिट्टी से भर दिया गया है और उससे कुछ ही दूरी पर सारे गांव को पानी की आपूर्ति के लिए नया बोर किया गया है.</p><p>घर की तरफ वापस आते हुए प्रिंस से जब पूछा कि कुछ याद आता है कि बोरवेल में कैसे गिरे थे?</p><figure> <img alt="प्रिंस" src="https://c.files.bbci.co.uk/1866D/production/_107194999_pind.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>प्रिंस ने कहा, ”हां, थोड़ा-थोड़ा, मैं और मेरा दोस्त खेल रहे थे. एक घर से हमने एक चुहिया निकलती देखी. वो चुहिया एक बोरी के नीचे छिप गई थी उसी बोरी से उस बोरवेल को ढंका गया था.”</p><p>”मैं चुहिया को मारने के लिए बोरी पर कूदने लगा, अचानक मेरे पैर पाइप के अंदर चले गए. मेरा दोस्त मेरा हाथ पकड़ कर खींचने लगा. गर्मी की वजह से पसीना आने लगा और मेरा हाथ फिसल गया और मैं अंदर गिर गया.”</p><h1>क्या हुआ था उस दिन?</h1><p>ये घटना साल 2006 में घटी थी. 21 जुलाई के दिन प्रिंस 60 फ़ीट गहरे गढ्ढे में गिर गया, 23 जुलाई को भारतीय फ़ौज ने उसे बाहर निकाला था.</p><p>जब घटना का पता चला तो कुछ ही समय में पूरा प्रशासनिक अमला घटनास्थल पर पहुंच गया, पर प्रिंस को निकाल पाना आसान नहीं था.</p><p>इसके बाद भारतीय फ़ौज ने मोर्चा संभाला और करीब 50 घंटे बाद प्रिंस को बोरवेल से बाहर निकाला जा सका.</p><p>जब तक बचाव कार्य जारी रहा तब तक पूरे देश का मीडिया पल-पल की ख़बर लोगों तक पहुंचाता रहा.</p><p>पूरे देश में लोगों ने दुआ की थी कि किसी तरह इस बच्चे को सही सलामत बाहर निकाल लिया जाए.</p><p>कुछ मीडिया और अन्य संस्थानों ने तो प्रिंस की पढ़ाई का ख़र्च उठाने तक का एलान कर दिया था.</p><figure> <img alt="प्रिंस" src="https://c.files.bbci.co.uk/143FB/production/_107193928_gettyimages-71505669.jpg" height="2300" width="1350" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>प्रिंस ने कहा, ”कुछ न्यूज़ वालों ने पढ़ाई का ख़र्चा देने की बात की थी, पर किसी का कुछ पता नहीं चला. दूसरी और तीसरी कक्षा की पढ़ाई प्राइवेट स्कूल से की थी. फिर पैसों की दिक़्क़त हुई तो सरकारी स्कूल में दाख़िला लेना पड़ा.” </p><p>प्रिंस के आगे कहते हैं, ”9वीं और 10वीं कक्षा में फिर प्राइवेट स्कूल का रुख़ किया, ख़र्च एक फ़ौजी ने उठाया लेकिन पास नहीं हुआ, आख़िर में दाख़िला गांव के पास वाले सरकारी स्कूल में लेना पड़ा”</p><p><strong>भारतीय </strong><strong>फ़ौज </strong><strong>में शामिल होने का सपना</strong></p><p>10वीं की पढ़ाई के बाद क्या करना है? इस सवाल के जवाब में प्रिंस ने कहा कि मैं भारतीय फ़ौज का हिस्सा बनना चाहूंगा क्योंकि फ़ौज वालों ने मुझे बोरवेल से निकाला था.</p><p>जब 2006 में बचाव कार्य पूरा हुआ तो भारतीय फ़ौज के अंबाला रिक्रूटमेंट केंद्र की तरफ से एक पत्र जारी किया गया था.</p><p>पत्र के अनुसार, ”जब प्रिंस 18 साल का हो जाए और सारी शर्तें पूरी करेगा तो उसे सेना में भर्ती पर तरजीह दी जाएगी.” </p><figure> <img alt="प्रिंस" src="https://c.files.bbci.co.uk/E2C1/production/_107194085_pr3.jpg" height="1280" width="960" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>सेना शामिल होने के लिए प्रिंस क्या क्या करते हैं, ये पूछने पर उसने वर्जिश और दौड़-भाग की बात कही.</p><p>ये कहते-कहते वो थोड़ा गंभीर होकर कहने लगा, ”डैडी कहते हैं कि पढ़-लिख ले, कुछ बन जा, खेतीबाड़ी में कुछ नहीं रखा है. घर के ख़र्चे बहुत हैं, 300 की दिहाड़ी में क्या होगा.” </p><p>इसी दौरान प्रिंस की मां ममता कीर्तन से वापस आ गईं और पास आकर बैठ गईं.</p><p>जब प्रिंस बोरवेल में गिरा था तो उस घटना के कुछ साल बाद ही उसको जन्म देने वाली मां उसके पिता से अलग हो गईं थी.</p><figure> <img alt="प्रिंस" src="https://c.files.bbci.co.uk/130E1/production/_107194087_pr4.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>फिर साल 2012 में प्रिंस के पिता ने दूसरी शादी की. प्रिंस की मां ममता की जब इस घर में शादी हुई तो उनके पहले पति से तीन बच्चे थे.</p><p>ममता ने कहा, ”इन बच्चों में आपस में बहुत प्यार है. मेरा पहला पति बहुत शराब पीता था. बीमार हो गया और एक दिन उसकी मौत हो गई. ससुराल वालों ने मुझे अपने पास नहीं रहने दिया. मैं अपनी एक बेटी और दो बेटों को लेकर अपने पिता के घर आ गई. 2012 में मेरा इस गांव में विवाह हो गया.”</p><p>वो आगे कहती हैं, ”जब शादी हो गई तब जा कर पता चला कि मैं प्रिंस की मां बन गई हूं, वही प्रिंस जो गढ्ढे में गिर गया था. कहीं भी जाऊं लोग कहते हैं वो देखो प्रिंस की मम्मी जा रही है. ये सुनकर अच्छा लगता है.”</p><h1>TikTok का शौकीन है प्रिंस</h1><p>इंटरनेट और सोशल मीडिया के दौर में प्रिंस का वक़्त कैसे गुज़रता है?</p><p>ये पूछने पर वो कहता है, ”छोटा भाई गौरव ऑनलाइन गेम PUBG का शौकीन है. मेरा गेम खेलने में कम मन लगता है.” </p><p>”मैं टिक-टोक पर वीडियो बताता हूं और फ़ेसबुक चला लेता हूं. बाक़ी कुछ समय खेत में पिता की मदद करवाता हूं.&quot;</p><p>मौजूदा राजनीतिक हालात पर प्रिंस का क्या सोचना है, इस बात के जवाब में वो कहता है, ”पता नहीं जी, नेता ज़रूरत पड़ने पर आते हैं, फोटो खिंचवाते हैं फिर पता नहीं कहां ग़ायब हो जाते हैं.”</p><p><strong>’अनलिमिटेड इंटरनेट नौजवानों को </strong><strong>व्यस्त</strong><strong> रखता है'</strong></p><p>जब हम घर से बाहर निकले तो हमें गांव के कुछ नौजवान और प्रिंस के दोस्त मिल गए. गांव का ही एक नौजवान मनिंदर सिंह पास के ही एक अस्पताल में अटेंडेट की नौकरी करते हैं.</p><p>मौजूदा हालात के बारे में पूछने पर कहने लगे, ”देखो जी, नेताओं के बारे में बात करने का समय नहीं है हमारे पास. नौजवानों को तीन महीने की वैलेडिटी वाला अनलिमिटेड सस्ता इंटरनेट पैक व्यस्त रखता है.”</p><p>थोड़ा आगे बढ़े तो गांव की कुछ औरतें मिल गईं. शायद 2006 की घटना के समय मीडियाकर्मियों को आसानी से पहचान जाती हैं.</p><p>अपने नन्हे से पोते को गोद में उठाए एक बुज़ुर्ग औरत ने कहा, ”भई पत्रकार लग रहे हो, प्रिंस के घर आए थे? हमारी भी इंटरव्यू ले लो.” </p><p>मैंने पूछा माता जी ये बताइए कि प्रिंस के बोरवेल में गिरने की घटना को कैसे याद करती हैं?</p><p>वो औरत हंसकर कहने लगी, ”देखो जी, ये लड़का प्रिंस गढ्ढे में ऐसा गिरा कि सारे गांव की प्यास बुझ गई. और तो और हमारे गांव में पक्की गलियां और नालियां बन गईं.”</p><p>उस घटना के बाद तत्कालीन हु़ड्डा सरकार ने गांव में विकास कार्य के लिए ग्रांट जारी की थी.</p><figure> <img alt="प्रिंस" src="https://c.files.bbci.co.uk/80AB/production/_107193923_gettyimages-71505639.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>जैसे ही हम मुड़ने लगे करीब 40 साल की एक औरत बोली, ”न्यूज़ चैनल वाले कहते हैं कि हमारे फौजियों ने पाकिस्तान पर हवाई जहाज़ से हमला करके कई आतंकवादी मार दिये, आप बताओ, आप भी तो पत्रकार हो, क्या यह सही है?” </p><p>मैने पूछा, आपको क्या लगता है? औरत ने कहा, ”हमें क्या पता जो टीवी वाले कहेंगे वही सुनेंगे ना.”</p><p>इस बातचीत के बात वापस आने के लिए हमने अपनी गाड़ी ली. कुछ दूर बढ़े ही थे कि सड़क किनारे खड़ी वही नन्ही बच्ची मुस्कुराते हुए हमारी तरफ देख रही थी.</p><p>हम हलदेहेड़ी गांव को पीछे छोड़ चले थे.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें