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कड़ी धूप में न निकलें, लू का लक्षण लगे तो तुरंत चिकित्सक से करें संपर्क : डीएम

जमुई : जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने मंगलवार को सदर अस्पताल का जायजा लिया. इस दौरान डीएम श्री कुमार ने अस्पताल के पूछताछ केंद्र, नियंत्रण कक्ष, आपातकालीन कक्ष, प्रसव कक्ष, शल्य कक्ष, विभिन्न जांच घर, केंद्रीय भोजन घर, नवजात शिशु इकाई केंद्र, अधिकारियों का कार्यालय कक्ष सहित रोगी भर्ती वार्ड का भी जायजा लिया. जिलाधिकारी ने […]

जमुई : जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने मंगलवार को सदर अस्पताल का जायजा लिया. इस दौरान डीएम श्री कुमार ने अस्पताल के पूछताछ केंद्र, नियंत्रण कक्ष, आपातकालीन कक्ष, प्रसव कक्ष, शल्य कक्ष, विभिन्न जांच घर, केंद्रीय भोजन घर, नवजात शिशु इकाई केंद्र, अधिकारियों का कार्यालय कक्ष सहित रोगी भर्ती वार्ड का भी जायजा लिया.
जिलाधिकारी ने भर्ती वार्ड में रहे मरीज व उसके परिजनों से अस्पताल में मिल रही सुविधा को लेकर बातचीत भी की. डीएम ने अस्पताल के सभी वरीय एवं कनीय पदाधिकारी, चिकित्सक सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी को विभाग के नियमानुसार मिलजुलकर करने का भी नसीहत दिया.
लू के मरीजों की संख्या बढ़ने पर नशा मुक्ति केंद्र में किया जाएगा भर्ती . जिलाधिकारी ने बढ़ती गर्मी की तपिश एवं लू जनित बीमारी के इलाज को लेकर सदर अस्पताल द्वारा किए गए व्यवस्था का भी जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने अस्पताल के महामारी वार्ड का भी निरीक्षण किया.
जिला अधिकारी ने बताया कि अगर ऐसे रोगियों की संख्या अधिक होती है तो अस्पताल में खाली पड़े नशा मुक्ति केंद्र में रोगियों को भर्ती कराया जाए, ताकि उन्हें संपूर्ण सुविधा मिल सके. साथ ही उन्होंने कहा कि मौसम जनित बीमारी को लेकर पर्याप्त मात्रा में दवा का उचित भंडारण एवं देखरेख भी आवश्यक है.
लू लगे तो करें ये प्राथमिक उपचार
सिविल सर्जन डा. श्याम मोहन दास बताते हैं कि लू लगे व्यक्ति को सर्वप्रथम छांव में रखना चाहिए. शरीर पर तंग कपड़ा अगर हो तो हटा देना चाहिए. ठंडे गीले कपड़े से पूरे शरीर को पोछना चाहिए या ठंडे पानी से नहाना चाहिए. सीएस डा. श्री दास ने बताया कि शरीर के तापमान को कम करने के लिए कूलर, पंखा का भी प्रयोग करना चाहिए
. गर्दन, पेट एवं सिर पर बार-बार गिला ठंडा कपड़ा रखना चाहिए. उन्होंने बताया कि पीड़ित व्यक्ति को ओआरएस, नींबू पानी या नमक चीनी का घोल सहित समुचित पदार्थ देना चाहिए. ताकि शरीर में जल की मात्रा को बढ़ाया जा सके. सिविल सर्जन ने बताया कि यदि व्यक्ति को पानी की उल्टी हो जाए या बार-बार बेहोश हो रहा हो तो तुरंत खाना बंद कर देना चाहिए. लू लगे व्यक्ति की हालत में 1 घंटे तक कोई सुधार न हो तो नजदीकी योग्य चिकित्सक की भी सलाह लेना चाहिए .
अस्पताल अधीक्षक डा.सुरेंद्र प्रसाद सिंह बताते हैं कि ऐसे बीमारी के समन को लेकर अस्पताल में सभी आवश्यक व्यवस्था को दुरुस्त कर लिया गया है. पर्याप्त मात्रा में दवा का भंडारण भी कर लिया गया है. मौके पर सदर अस्पताल उपाधीक्षक सैयद नौशाद अहमद, सदर प्रखंड प्राथमिक स्वास्थ केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी डा.अंजनी कुमार सिन्हा सहित अस्पताल के वरिय व कनीय पदाधिकारी, महिला व पुरुष चिकित्सक सहित दर्जनों की संख्या में स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे.
अधिक पानी पीयें, हल्के व ढीले कपड़े पहनें
जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने तेज धूप और लू के थपेड़ों से परेशान लोगों को सलाह दी है कि वे कड़ी धूप में न जाएं. पानी अधिक मात्रा में पिएं और जरूरत के हिसाब से ही बाहर जाएं. उन्होंने बताया कि इस दौरान हल्के ढीले एवं सूती कपड़े ही पहने. धूप में आंख पर चश्मा एवं सिर पर गमछा तथा पैर में जूता चप्पल जरूर पहने. तापमान के बढ़ने से इसका प्रतिकूल प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है. अगर समय रहते हम सावधानी नहीं बरतें तो यह जानलेवा भी हो सकता है.
उन्होंने बताया की अधिक तापमान में अधिक शारीरिक श्रम न करें. पानी अधिक मात्रा में पिएं तथा ज्यादा प्रोटीन वाले भोजन का सेवन न करें. जिलाधिकारी ने कहा कि घर में बने पेय पदार्थ नमक चीनी का घोल इस मौसम में लाभदायक होता है. दैनिक जीवन में कच्चा प्याज, सत्तू, पुदीना तथा खस को भी शामिल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि बच्चों को बंद वाहन में अकेला न छोड़ें. मौसम की जानकारी लेते रहे और अगर तबीयत ठीक न लगे या चक्कर आ रहा हो तो नजदीक के चिकित्सक की सलाह लें.

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