आरा : बंगाल में डॉक्टर की पिटाई से आक्रोशित डॉक्टरों ने सोमवार को भोजपुर जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था ठप कर दिया. प्राइवेट क्लिनिक से लेकर सरकारी अस्पताल तक की ओपीडी सेवा बाधित रही. मरीजों को ध्यान में रखते हुए सिर्फ इमरजेंसी सेवा को बहाल किया गया था. जिसको लेकर इमरजेंसी में मरीजों की संख्या बढ़ गयी.
समुचित इलाज नहीं होने के कारण मरीजों के परिजन भड़क उठे और जमकर इमरजेंसी वार्ड में हंगामा मचाया. इसको लेकर काफी देर तक अफरातफरी का माहौल कायम रहा. कारण यह था कि अस्पताल प्रशासन द्वारा डॉक्टरों को हड़ताल पर जाने के बाद इमरजेंसी सेवा को दुरुस्त नहीं की गयी थी. एक डॉक्टर के भरोसे इमरजेंसी सेवा चल रही थी.
मरीजों की संख्या काफी थी. जिसके कारण हंगामा हुआ. इसके लिए सीधे तौर पर अस्पताल प्रशासन की लापरवाही सामने आयी. बाद में अस्पताल प्रशासन ने समुचित व्यवस्था की, तब जाकर मामला शांत हुआ. शहर के सभी निजी क्लिनिक, अस्पतालों की ओपीडी सेवा ठप रही. बता दें कि बंगाल में डॉक्टर की पिटाई से भड़के डॉक्टरों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. बंगाल में चिकित्सकों के साथ मारपीट एवं असुरक्षा को देखते हुए 10 जून से कोलकाता के डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं.
डॉक्टरों ने कहा कि लगातार डॉक्टरों पर हो रहे हमलाें से डॉक्टरों में काफी आक्रोश है. अभी कुछ दिन पहले बिहार के सीवान में डॉक्टरों की पिटाई कर दी गयी. डॉक्टर अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. डॉक्टरों ने सरकार से मांग की कि इसी तरह अगर डॉक्टर पिटाते रहे तो चिकित्सा सेवा ठप कर दी जायेगी
. बाद में हंगामे की जानकारी जिलाधिकारी रौशन कुशवाहा को फोन द्वारा मरीज के परिजनों ने दी. जिसके बाद सदर अस्पताल पहुंचकर जिलाधिकारी ने निरीक्षण किया और मरीजों को उचित इलाज दिलाने के सिविल सर्जन को आदेश दिया. वहीं डॉक्टरों की हड़ताल से ओपीडी में पहुंचे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
जिलाधिकारी के पहुंचते ही सदर अस्पताल में मच गया हड़कंप
हड़ताल को लेकर मरीजों की संख्या काफी बढ़ गयी थी. जिसको लेकर इमरजेंसी में मरीज के परिजनों ने हंगामा मचाया. इसकी जानकारी स्थानीय जिलाधिकारी को दी गयी. जिसके बाद जिलाधिकारी रौशन कुशवाहा ने सदर अस्पताल पहुंचेकर सभी वार्डों का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने सदर अस्पताल में कई खामियां पायीं.
जिसे दुरुस्त करने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया. जिलाधिकारी के निरीक्षण के दौरान सिविल सर्जन डॉ ललितेश्वर प्रसाद झा, डॉ प्रतीक सहित कई लोग मौजूद थे. जिलाधिकारी के निरीक्षण को लेकर काफी देर तक अफरातफरी का माहौल कायम रहा.