कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सुरक्षा का भरोसा मिलने के बाद जूनियर डॉक्टरों ने सोमवार देर शाम एक सप्ताह से चल रही अपनी हड़ताल वापस ले ली. इससे पहले राज्य सचिवालय नवान्न भवन में मुख्यमंत्री और जूनियर डॉक्टरों के बीच लगभग डेढ़ घंटे तक बैठक हुई. बैठक में राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों से 31 जूनियर डॉक्टरों ने शिरकत की.
इस दौरान अस्पतालों में सुरक्षा मजबूत करने, मरीजों की शिकायत के लिए ‘ग्रीवांस सेल’ बनाने, पुलिस से तत्काल संपर्क के लिए अलार्म व्यवस्था स्थापित करने और अस्पतालों के आधारभूत ढांचे को सुधारने की जूनियर डॉक्टरों की मांगें मान ली गयीं.
बैठक के बाद जूनियर डॉक्टर एनआरएस अस्पताल गये और हड़ताल वापस लेने की घोषणा की. गौरतलब है कि चिकित्सकों पर हमले के विरोध में जूनियर डॉक्टर पिछले मंगलवार से हड़ताल पर थे. इससे राज्य में चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गयी थी. यही नहीं, कोलकाता के जूनियर डॉक्टरों के इस आंदोलन ने राष्ट्रीय रूप ले लिया. सोमवार को उनके समर्थन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के एलान पर देशभर के पांच लाख से ज्यादा चिकित्सक हड़ताल पर रहे.
नवान्न में जूनियर डॉक्टरों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने इमर्जेंसी वार्ड में कोलैप्सिबल गेट लगाने और किसी मरीज के अधिकतम दो परिजनों को ही अंदर जाने की इजाजत देने का सुझाव दिया.
मरीजों की शिकायत सुनने के लिए ‘ग्रीवांस सेल’ बनाने का फैसला लिया गया. अस्पतालों की सुरक्षा मजबूत करने के साथ अलार्म सिस्टम लगाने का फैसला हुआ. इससे किसी खतरे की स्थिति में अलार्म बजाने पर पुलिस को तत्काल सूचना मिल सकेगी. मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों के मरीजों के साथ संवाद और बेहतर करने तथा मरीजों के परिजनों के साथ बातचीत के लिए किसी जनसंपर्क अधिकारी को नियुक्त करने का सुझाव दिया. अपनी सुरक्षा के संबंध में डॉक्टरों का कहना था कि उन्हें हर वक्त डर के माहौल में काम करना पड़ता है. यह स्थिति बदलनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने किसी कानून की बजाय जागरूकता अभियान पर अधिक जोर देने की बात कही.
साथ ही अस्पतालों में सुरक्षा के लिए एक नोडल ऑफिसर नियुक्त करने का फैसला भी मुख्यमंत्री ने लिया. बैठक में मुख्यमंत्री जहां डॉक्टरों से हड़ताल खत्म करने की घोषणा चाहती थीं वहीं डॉक्टर अपने साथियों के साथ एनआरएस मेडिकल कॉलेज में इसकी घोषणा करना चाहते थे. मुख्यमंत्री इसके लिए भी राजी हो गयीं. सुश्री बनर्जी ने बताया कि डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होते ही वह घायल चिकित्सक परिबाहा मुखर्जी को देखने भी जायेंगी. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की अनुमति से बैठक का लाइव प्रसारण हुआ.
बैठक के बाद जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि वह मुख्यमंत्री के आश्वासन से संतुष्ट हैं. बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि बातचीत बहुत ही सकारात्मक रही. राज्य सरकार जूनियर डॉक्टरों की हर मांग को स्वीकार करती है. डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए प्रशासन की ओर से पर्याप्त कदम उठाये जायेंगे. जूनियर डॉक्टर बैठक में लिये गये फैसले की लिखित प्रति लेकर एनआरएस अस्पताल पहुंचे. वहां उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पहले उन्हें ‘बाहरी’ कहा था, लेकिन आज हमें ‘लक्खी छेले’ कहा है. बाद में एनआरएस की गवर्निंग बॉडी की मीटिंग के बाद जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की.