दुर्जय पासवान, गुमला
बिशुनपुर प्रखंड के कसमार क्षेत्र के भाजपा के कद्दावर नेता व बूथ अध्यक्ष ब्रजेश साहू हत्याकांड में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है. पत्नी मिथिला देवी ने बिशुनपुर थाना में केस दर्ज करवाया है. उन्होंने मुखिया समेत नक्सलियों को नामजद आरोपी बनाया है. साथ ही उन्होंने पुलिस से आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की भी गुहार लगायी है.
इसे भी पढ़ें : भारतमाला परियोजना में साहेबगंज से धामरा पोर्ट 790 किमी 4 लेन सड़क बनाने की मांग
उन्होंने कहा है कि वह अपने पति के हत्यारों को सजा दिलाकर रहेंगी. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, 13 जून को ब्रजेश साहू करीब तीन बजे कटिया बाजार मुर्गा बेचने गया हुआ था. करीब पांच बजे कुछ लोग मुर्गा दुकान पहुंच कर मुर्गा काटने वाले कटार का भय दिखाकर अपहरण कर लिया.
उसी गांव के एक आदमी ने मिथिला देवी को घटना की जानकारी दी. बताया कि हर्वे हथियार से लैस माओवदी संगठन के प्रमुख रवींद्र गंझू उर्फ रवींद्र व उसके दस्ता के सदस्यों बलराम उरांव, शिवम उरांव, छोटन उरांव, सुरेंद्र उरांव, अनिल खेड़वार, धर्मेंद्र गंझू, बालक गंझू व अन्य ब्रजेश साहू को कटिया जंगल की ओर ले गये और उसकी हत्या कर दी.
इसे भी पढ़ें : सिमडेगा में SBI लूटने आये थे सात लुटेरे, चार को सुरक्षाकर्मियों ने धर दबोचा
मिथिली देवी ने प्राथमिकी में कहा है कि 13 जून की सुबह मुखिया प्रकाश उरांव व लक्ष्मी साहू से बकाया रुपया को लेकर बहस हुई थी. उसी दिन उनके पति ब्रजेश की अपहरण कर हत्या कर दी गयी. मिथिला देवी ने इस मामले में माओवादी संगठन के रवींद्र गंझू, धर्मेंद्र गंझू, बालक गंझू, बलराम उरांव, शिमल उरांव, छोटन उरांव, सुरेंद्र उरांव, अनिल खेड़वार, बुधेश्वर उरांव, रंथू उरांव, लजीम अंसारी, मुनेश्वर गंझू, अघन गंझू, चंद्रमान पहान, नंद किशोर यादव, गोविंद बिरिजिया, संजय भुईयां, राजेश गंझू, फूलेश्वर गंझू, जतरू खेड़वार, मुरारी सिंह, दिनेश नगेसिया, दिनू उरांव के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज करायी है.
मुखिया पर हत्या करवाने का शक
मिथिला देवी ने संदेह जाहिर किया है कि मुखिया प्रकाश उरांव व लक्ष्मी साहू ने उनके पति की हत्या करवायी है. ज्ञात हो कि कसमार क्षेत्र में मनरेगा योजनाओं में हुई गड़गड़ी मामले में ब्रजेश ने आवाज उठायी थी. यहां तक कि खुद ब्रजेश का भी पैसा फंस गया था. वह कई बार अपना बकाया पैसा मुखिया प्रकाश व लक्ष्मी से मांग चुका था. उसे पैस नहीं मिले. इस बीच उसकी हत्या भी कर दी गयी.
फंस सकते हैं कई सफेदपोश
कहा जा रहा है कि अगर इस मामले में पुलिस पूरी ईमानदारी से जांच करे, तो कई सफेदपोश भी फंसेंगे. वहीं ब्रजेश की वजह से ही इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुदर्शन भगत को कसमार क्षेत्र में जनता का समर्थन मिला था. सांसद सुदर्शन भगत अपनी पार्टी के नेता की मौत से दुखी हैं. उन्होंने पुलिस से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा है. हत्याकांड के 48 घंटा बीत जाने के बावजूद अब तक ब्रजेश के हत्यारे पुलिस की पकड़ से दूर हैं.