कोलकाता : लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद सिंगूर के विधायक रवींद्रनाथ भट्टाचार्य ने कहा है कि 75-80 फीसदी किसान सहमति दें, तो सिंगूर में उद्योग लग सकता है. लोकसभा चुनाव में हुगली लोकसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार डॉ रत्ना डे नाग को भाजपा की लॉकेट चटर्जी ने पराजित कर दिया.
हुगली जिला के तृणमूल नेताओं के साथ बैठक में पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सिंगूर में हार को शर्मनाक करार दिया था. रविवार को श्री भट्टाचार्य ने हुगली में पार्टी उम्मीदवार की पराजय पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पार्टी में आपसी कलह और भ्रष्टाचार इसकी मूल वजह है. इतना ही नहीं, भाजपा ने पैसे के बल पर चुनाव जीता है.
उन्होंने कहा कि यदि सिंगूर के किसान चाहें, तो वहां फिर से उद्योग लग सकता है. इसके लिए सरकार को भी सहयोग करना होगा. सिंगूर के 75 से 80 फीसदी किसानों की सहमति के बाद राज्य सरकार सिंगूर में उद्योग लगाने और जमीन अधिग्रहण का फैसला ले सकती है.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव से पहले सिंगूर में तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार ने टाटा की नैनो कार के कारखाने के लिए जमीन अधिग्रहण किया था. तब ममता बनर्जी ने सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध किया था. जमीन विरोधी आंदोलन का नेतृत्व भी उन्होंने किया. फलस्वरूप टाटा को सिंगूर में नैनो कार फैक्ट्री लगाने की योजना रद्द करनी पड़ी.
वर्ष 2011 में ममता बनर्जी के नेतृत्व में सरकार बनी और मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में सिंगूर में जमीन अधिग्रहण के फैसले पर रोक लग गयी. सिंगूर के किसानों को उनकी जमीनें भी लौटाने का एलान कर दिया गया.