सिलीगुड़ी : जमाई षष्ठी के दिन आठ वर्ष की बेटी को साथ लेकर एक व्यक्ति अपनी पत्नी की खोज में मारा-मारा फिर रहा है. जबकि बांग्ला संस्कृति के अनुसार, इस दिन दामाद को उसके सुसराल में नारायण के रूप में पूजा जाता है. यह कहानी कूचबिहार निवासी एक व्यक्ति की है. करीब आठ वर्ष पहले विवाह के बंधन में बंधे थे.
बीते गुरुवार को इनकी पत्नी किसी को बिना कुछ बताये, रुपये व गहने लेकर घर से निकल गयी. बाद में फोन पर उसने अपने पति को बताया कि वह बर्दवान के किसी पुरुष के साथ अपना घर बसाने निकली है. उसे खोजने की कोशिश ना करे. मां के बिना आठ वर्ष की बेटी का रो-रोकर बुरा हाल है. पीड़ित व्यक्ति को भनक लगी है कि उसकी पत्नी सिलीगुड़ी में है. कूचबिहार से लेकर वह सिलीगुड़ी के हर पुलिस थाने पहुंचकर पत्नी को ढूंढने की अर्जी लगा रहा है और स्वयं भी बच्ची को साथ लेकर हाथ में पत्नी की फोटो लिए मारा-मारा फिर रहा है.