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खतरनाक गड्ढों में खिलाड़ियों का पैर फंसने पर कैरियर हो सकता है बर्बाद

भभुआ सदर : पिछले एक साल से घास लगाने सहित जीर्णोद्धार के नाम से बंद शहर के जगजीवन स्टेडियम को हाल फिलहाल खोल दिया गया. लेकिन, लगाये गये घास के बीच उभर आये गहरे गड्ढे कराये गये कार्य की गुणवत्ता की दुहाई दे रहे हैं. स्टेडियम के सरफेस पर घासों के बीच बने बड़े-बड़े गढ्ढे […]

भभुआ सदर : पिछले एक साल से घास लगाने सहित जीर्णोद्धार के नाम से बंद शहर के जगजीवन स्टेडियम को हाल फिलहाल खोल दिया गया. लेकिन, लगाये गये घास के बीच उभर आये गहरे गड्ढे कराये गये कार्य की गुणवत्ता की दुहाई दे रहे हैं. स्टेडियम के सरफेस पर घासों के बीच बने बड़े-बड़े गढ्ढे काफी खतरनाक हैं. इसमें खिलाड़ियों या दौड़ने वालों को घायल होने का खतरा है.

स्टेडियम में क्रिकेट का अभ्यास कराने वाले संजय श्रीवास्तव, आजाद खान आदि का कहना था कि घास को उगाने के वक्त संवेदक ने स्टेडियम सरफेस को समतल नहीं कराया और घास लगा दिया. घास तो उग गये. लेकिन, सरफेस को समतल नहीं करने की वजह से अब मैदान के चारों तरफ खतरनाक रूप से घासों के बीच गहरे गड्ढे उभर आये हैं. इसमें पैर फंसने पर खिलाड़ियों का कैरियर बर्बाद हो सकता है.
घास लगाने के अलावा प्रकाश और बैठने की करनी थी व्यवस्था: गौरतलब है कि पिछले एक साल से स्टेडियम के सरफेस की छह इंच जुताई कर घास लगायी गयी है. इसके अलावा स्टेडियम के चारों तरफ साढ़े छह फुट का पाथवे बनाया जाना था और स्टेडियम के चारों तरफ बनने वाले पाथवे के अगल बगल 23 वाट की एलईडी के साथ प्रकाश की भरपूर व्यवस्था की जानी थी. स्टेडियम में लगाये गये वन विभाग द्वारा कटीले पेड़ों को हटाने के साथ साथ चारों तरफ बैठने और आराम करने के लिए लोहे के रेस्ट बेंच भी लगाये जाने थे.
लेकिन, एक साल से जीर्णोद्धार के नाम पर बंद रहे जगजीवन स्टेडियम में अब तक केवल घास ही लग पाया है, वह भी बिना तकनीक और व्यवस्था के. क्योंकि, भभुआ विधायक रिंकी रानी पांडेय के अनुशंसा पर मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत लगभग 11 लाख की राशि से स्टेडियम में घास लगाने सहित कई अन्य का कराये जाने थे.
लेकिन, एक घास लगाने के अलावे पिछले साल भर से अधिक समय से बंद स्टेडियम में अन्य कोई कार्य नहीं कराये जा सके हैं. स्टेडियम के जीर्णोद्धार व नवनिर्माण का कार्य करानेवाले संवेदक व मुंगेर निवासी रणजीत प्रसाद ने बताया कि पहले चरण में छह इंच की खुदाई कर घास लगाया जाना था. उसके बाद पाथवे और 30 बाई 80 फुट पर क्रिकेट पिच का निर्माण और बेंच व प्रकाश का कार्य किया जाना था.
बोले खेल पदाधिकारी
स्टेडियम के जीर्णोद्धार और बाकी बचे कार्यों को लेकर खेल पदाधिकारी ओमप्रकाश ने बताया कि स्टेडियम में कराये जाने वाले कार्यों को चुनाव पूर्व स्वीकृति के लिए विभाग को भेजा गया है. कुछ कार्य जल्द शुरू कराये जाने हैं.
स्टेडियम में बनाना था महिलाओं के लिए अलग जिम
स्टेडियम के जीर्णोद्धार व नवनिर्माण के उपरांत स्टेडियम में महिलाओं का जिम भी खोला जाना था. वर्तमान डीएम ने जीर्णोद्धार शुरू होने से पूर्व जब स्टेडियम का निरीक्षण किया था, तो उन्होंने स्टेडियम के नीचे बने और खिलाड़ियों के कमरे में चल रहे बाल विकास परियोजना कार्यालय को कही और शिफ्ट कर उसमें महिला जिम खोलने के लिये उपयुक्त बताया था. डीएम ने निरीक्षण के दौरान पवेलियन के उत्तरी तरफ बने गैलरी के बगल में खाली पड़ी जमीन पर स्टोर रूम और खिलाड़ियों के ठहरने के लिए दो मंजिला रेस्ट रूम बनवाने के लिए भवन निर्माण विभाग और आरईओ टू को कार्ययोजना तैयार कर
कार्य कराये जाने के अलावे दक्षिणी ओर की चहारदीवारी के जर्जर हो जाने पर भवन निर्माण को उस चहारदीवारी को तोड़ वहां नयी चहारदीवारी का निर्माण कराने का निर्देश दिया था. ताकि, अचानक होने वाली किसी अनहोनी से बचा जा सके. इसके अलावे स्टेडियम के चारों तरफ चहारदीवारी पर लोहे की जाली भी लगाया जाना था. लेकिन, एक साल से अधिक हो गये, अबतक घास और आधी अधूरी पाथवे छोड़ कोई भी कार्य पूरा नहीं किया जा सका है.

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