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जीवन में वाणी की महत्वपूर्ण भूमिका : अखिलेशानंद

नावकोठी : देवपुरा मोहीउद्दीनपुर में जारी सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में गौरीपुर, रजाकपुर, शेखपुरा ,विष्णुपुर,सैदपुर, सिसौनी, मिल्की,तुर्किया आदि गांवों से श्रद्धालुओं की भीड़ कथा सुनने के लिए उमड़ रही है. कथावाचक बाल व्यास अखिलेशानंद ने कथा के तीसरे दिन गुरुवार को कहा कि संपूर्ण मानव के जीवन में वाणी काफी महत्वपूर्ण है. यह अनमोल है. […]

नावकोठी : देवपुरा मोहीउद्दीनपुर में जारी सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में गौरीपुर, रजाकपुर, शेखपुरा ,विष्णुपुर,सैदपुर, सिसौनी, मिल्की,तुर्किया आदि गांवों से श्रद्धालुओं की भीड़ कथा सुनने के लिए उमड़ रही है. कथावाचक बाल व्यास अखिलेशानंद ने कथा के तीसरे दिन गुरुवार को कहा कि संपूर्ण मानव के जीवन में वाणी काफी महत्वपूर्ण है. यह अनमोल है. मीठी वाणी बोलने वाले उच्च पद प्राप्त करते हैं. जबकि कर्कशा बोलने वाले की अधोगति होती है.

द्रौपदी की कर्कश वाणी महाभारत का कारण बना तथा दो वंशों का समूल नाश हो गया. वाणी को वीणा बनाओ तो संगीत का संसार बन जाये, वाणी को वाण बनाओगे तो महाभारत का संग्राम हो जायेगा. इन्होंने कपिल संवाद के माध्यम से कर्दम और देवहुति चरित्र की चर्चा की. वे दोनों पति-पत्नी थे. कर्दम का त्याग अनुकरणीय है, तो देवहुति का चरित्र प्रेरणादायक. पति देवतुल्य है.
आपत्ति काल में पत्नी -पति का साथ निभाते हुए पूर्ण समर्पण से सहयोग करें, तो उनका कल्याण हो जाता है. जीवात्मा का परमात्मा से मिलन हो कर परम धाम की प्राप्ति होती है. आलोक एवं सहयोगियों के द्वारा गाया गये भजन भगत के वश में है भगवान से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया. इसके सफल आयोजन में आलोक कुमार, दीपक कुमार, राजेंद्र कुमार, रामपुकार चौधरी आदि काफी सक्रिय थे.

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