ओल्डेनबर्ग : उसका काम था मरीजों की तिमारदारी करना… लेकिन तिमारदारी की आड़ में उस वहशी हत्यारे ने अपने 85 मरीजों को जहर का इंजेक्शन देकर मौत की नींद सुला दी. जर्मनी में सामने आए इस मामले ने देश को हिलाकर रख दिया. मामला इतना खौफनाक था कि अदालत ने पुरुष नर्स को आजीवन कारावास की सजा तो सुनायी लेकिन खुद वह सकते में आ गयी.
न्यायाधीश सेबेस्टियन बुर्हमैन ने हत्यारे नील्स होगेल द्वारा एक के बाद एक की गयी इन हत्याओं को ‘समझ से परे’ करार दिया है. अदालत ने कहा कि यह अपराध मानवीय कल्पना से परे है. ये साल 2000 से 2005 की बात है. होगेल ने एक-एक कर 85 मरीजों को जहर का इंजेक्शन लगाया. अगर वह पकड़ा नहीं जाता तो उसका यह खूनी खेल ऐसे ही चलता रहता.
हत्या के छह अन्य मामलों में होगेल को पहले भी आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी थी और वह इस सजा के दस साल काट चुका है. अभियोजन पक्ष को यह मामला साबित करने के लिए 130 से अधिक शवों के अवशेषों को कब्रों से निकालना पड़ा. पुलिस को संदेह है कि होगेल ने 200 से अधिक मरीजों की जान ली होगी.
लेकिन अदालत यह पक्के तौर पर नहीं कह सकी क्योंकि होगेल की याददाश्त ठीक से काम नहीं कर रही है और ऐसे ही अन्य पीड़ितों के बारे में आशंका है कि उन्हें बिना पोस्टमार्टम के ही दफना दिया गया होगा. होगेल को 2005 में डेलमेनहोर्स्ट में एक मरीज को जहर का इंजेक्शन देते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया गया था. इस मामले में उसे सात साल की सजा सुनायी गयी थी.
दूसरा मामला 2014-15 में पीड़ितों के परिजनों के दबाव के तहत शुरू किया गया. उसे पांच अन्य मरीजों की हत्या का दोषी पाया गया तथा 15 साल की सजा सुनायी गयी. बुधवार को सुनवाई के अंतिम दिन, होगेल ने अपने ‘जघन्य कृत्यों’ के लिए पीड़ित परिजनों से क्षमा मांगी.