18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रेरा कानून के बाद भारत के निर्माणाधीन संपत्तियों में एक बार फिर बढ़ रही NRI की दिलचस्पी

नयी दिल्ली : रीयल एस्टेट क्षेत्र में नियमन के लिए रेरा कानून लागू होने के बाद देश में निर्माणाधीन परिसंपत्तियों में प्रवासी भारतीयों की दिलचस्पी एक बार फिर से बढ़ने लगी है. Realty Portal Housing & Houses.com के एक अध्ययन में यह निष्कर्ष सामने आया है. देश में घर खरीदने वालों को बिल्डरों की चालबाजियों […]

नयी दिल्ली : रीयल एस्टेट क्षेत्र में नियमन के लिए रेरा कानून लागू होने के बाद देश में निर्माणाधीन परिसंपत्तियों में प्रवासी भारतीयों की दिलचस्पी एक बार फिर से बढ़ने लगी है. Realty Portal Housing & Houses.com के एक अध्ययन में यह निष्कर्ष सामने आया है. देश में घर खरीदने वालों को बिल्डरों की चालबाजियों और परेशानियों से बचाने के लिए रीयल एस्टेट नियमन प्राधिकरण (रेरा) को लागू किया गया है.

इसे भी देखें : रीयल एस्टेट की रेट पर रेरा की मार : बिल्डरों की अब नहीं चलेगी मनमानी, बाजार भाव से तय होगी प्रॉपर्टीज की कीमतें

अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि परियोजनाओं के पूरा होने में लगातार देरी को देखते हुए निवेशक इनसे लगातार दूर होते चले गये. प्रवासी भारतीयों को खासतौर से निर्माणाधीन परियोजनाएं काफी पसंद आती हैं, लेकिन देरी के कारण उनकी इसमें दिलचस्पी कम होती चली गयी. अब रीयल एस्टेट क्षेत्र के लिए कानून बन जाने के बाद इस रुख में बदलाव आने लगा है.

अध्ययन के मुताबिक, इससे पहले रेडी-टु-मूव-इन यानी रहने के लिए तैयार और निर्माणाधीन परियोजनाओं के मामले तरजीह देने का अनुपात 67:33 था, जो कि अब सुधरकर 56:44 हो गया है. इसके साथ ही, निर्माणाधीन परियोजनाओं के मामले में जीएसटी दर को 12 से घटाकर 5 फीसदी पर ला दिया गया है, जबकि सस्ती परियोजनाओं के मामले में इसे आठ से घटाकर एक फीसदी कर दिया गया है. तैयार फ्लैट पर शून्य जीएसटी लागू है.

रीयल्टी पोर्टल हाउसिंग एंड मकान सिंगापुर स्थित एलारा टेक्नोलॉजीज का हिस्सा है. इसे न्यूज कॉर्प और सॉफ्टबैंक का समर्थन प्राप्त है. पोर्टल का कहना है कि उसके हाउसिंग एंड मकान डॉट काम पर जानकारी लेने और देखने वालों की संख्या पिछले साल के मुकाबले 30 से 40 फीसदी तक बढ़ी है. अमेरिका, यूएई, ब्रिटेन तथा सिंगापुर के प्रवासी भारतीयों की भारतीय रीयल एस्टेट बाजार में रुचि लगातार बढ़ रही है. कुल खरीदारों में इनका हिस्सा करीब 55 फीसदी है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें