पटना : कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह ने मंगलवार को कहा कि लोकसभा चुनाव में हुई जबरदस्त हार के कारणों में से एक है बिहार में महागठबंधन के घटक दलों के बीच मतों का स्थानांतरण नहीं होना. कांग्रेस नेता ने दावा किया कि महागठबंधन के सहयोगियों राजद, कांग्रेस, रालोसपा, हम और वीआईपी ने एक दूसरे का सहयोग किया, लेकिन यह जमीनी स्तर पर नहीं हो सका.
बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने पांच दलों के महागठबंधन को करारा झटका देते हुए राज्य की 40 में से 39 सीटों पर जीत हासिल की थी. महागठबंधन के खाते में केवल एक सीट किशनगंज आयी जिस पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की. बिहार कांग्रेस प्रचार समिति के चेयरमैन सिंह ने कहा, ‘‘इतना खराब परिणाम कभी नहीं आता अगर महागठबंधन के सहयोगी दलों के बीच मतों का स्थानांतरण होता.”
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘राहुल गांधी की जनसभा में बिहार में जिस प्रकार से लोग उमड़े उससे महागठबंधन को कम से कम आधी सीटों पर जीत हासिल करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि बिहार कांग्रेस जल्द ही चुनाव परिणामों के विश्लेषण को लेकर एक बैठक का आयोजन करेगी. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘लोगों (नेताओं के बेटों को) को काग्रेस आलाकमान की मंजूरी के बाद ही टिकट मिला. ऐसा नहीं था कि किसी नेता ने खुद ही टिकट ले लिया.”