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तारापुर : तारापुर के पूर्व जदयू विधायक नीता चौधरी के निधन से पूरे क्षेत्र में मातम छाया है. सोमवार को भर दिन लोग उनका पार्थिव शरीर आने का इंतजार करते रह गये. कुछ कानूनी प्रक्रिया के कारण उनका पार्थिव शरीर देर शाम दिल्ली से पटना लाया गया और फिर तारापुर कमरगामा स्थित उसके निवास स्थान […]

तारापुर : तारापुर के पूर्व जदयू विधायक नीता चौधरी के निधन से पूरे क्षेत्र में मातम छाया है. सोमवार को भर दिन लोग उनका पार्थिव शरीर आने का इंतजार करते रह गये. कुछ कानूनी प्रक्रिया के कारण उनका पार्थिव शरीर देर शाम दिल्ली से पटना लाया गया और फिर तारापुर कमरगामा स्थित उसके निवास स्थान पहुंचा.

कमरगामा गांव में पिछले दो दिनों से लोगों के घर का चूल्हा नहीं जल रहा. चारों ओर मातम छाया है और जगह-जगह लोग श्रद्धांजलि सभा कर अपने दिवंगत नेता को नमन कर रहे. नीता चौधरी के जेठ अंबिका चौधरी का कहना है कि मंगलवार को पूर्वाह्न 11 बजे शव यात्रा निकलेगी और उत्तरवाहिनी गंगा तट सुल्तानगंज के श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया जायेगा.
शोक में डूबा कमरगामा गांव : सदा हंसमुख रहने वाली तारापुर की पूर्व विधायक नीता चौधरी के आकस्मिक निधन के बाद से डॉ मेवालाल चौधरी के गांव कमरगामा स्थित उनके आवास एवं उनके पुराने आवास पर सन्नाटा पसरा हुआ है. हरेक ग्रामीणों की आंखें नम हैं और सभी अपनी आंखें बिछाये हुए हैं कि उनके प्रिय नेता के पार्थिव शरीर के कब दर्शन होंगे.
उनके आवास पर सोमवार की सुबह से ही लोगों का आना-जाना लगा रहा. विधायक के बड़े भाई अम्बिका प्रसाद चौधरी आवास पर गमगीन बैठे थे. जबकि गांव के दर्जनों लोग काफी मायूस नजर आ रहे थे.
लोगों को अब भी विश्वास नहीं हो रहा था कि नीता इस दुनिया में नहीं रही. सबों के आंखो में आज भी नीता चौधरी का मुस्कराता चेहरा धूम रहा है. कई ग्रामीणों एवं उनके प्रशंसकों ने बताया कि मैडम की एक खासियत थी कि जब भी कोई परिचित किसी स्थान पर मिल जाये या दिख जाये तो अपनी वाहन को रोककर उनका कुशल-क्षेम अवश्य लेती थी.
अगर कोई उन्हें अपने यहां आमंत्रित कर दे तो चाहे वह गरीब हो या अमीर हर जगह जाने का काम करती थी. आज भी उनके आवास पर नीता चौधरी की तस्वीर पर पुष्प चढाने का सिलसिला जारी है. इधर गांव में सोमवार को चूल्हा नहीं जला और पूरे गांव के लोग इस दुख के घड़ी में मर्माहत हैं.
नीता हमरा छोड़ी के चल्लो गेलहौन…: सरल एवं सहज स्वभाव की घरेलू महिला से राजनीति के क्षेत्र में आकर अपना परचम लहराने वाली तथा सभी के दिलों में अपनी जगह बनाने वाली तारापुर की पूर्व विधायक नीता चौघरी अपनी जेठानी देवयंती देवी की बड़ी ही दुलारी थी.
यही कारण है कि देवयंती देवी जो अम्बिका चौधरी की धर्मपत्नी है, उनके आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा है. देवयंती देवी अपने दरबाजे पर बैठी हर एक आने-जाने वालों को बस एक ही बात कहती है कि ‘नीता हमरा छोड़ी के चल्लो गेलहौन’ और फिर वह रोने लगती है. वह अनायास ही बोल पड़ती है कि जिसे हमने डोली से परीछन करके अपने गले लगाया, आज उसकी ही अर्थी उठते कैसे देख पाउंगी.

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