आसनसोल : फ्लाइंग स्टूडेंट का मामला उछलने के बाद क्लास से मुक्ति पाने की चाह में कई सीबीएसइ विद्यार्थी मेडिकल ग्राउंड बना रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक इस संदर्भ में कई स्थानीय और क्षेत्रीय सीबीएसइ स्कूलों में अब तक कई आवेदन आ चुके हैं. हालांकि तमाम प्रिंसिपलों को अलर्ट कर रखा है कि प्रत्येक आवेदन की छानबीन अनिवार्य तौर पर की जाये.
दरअसल प्रिंसिपलों के सर्टिफाइड करने के बाद ही इस मामले में आवेदन सीबीएसइ बोर्ड पहुंचते हैं. इसलिए वे केवल असल केस में ही सर्टिफाइड करने का प्रयास कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि सीबीएसइ का नियम है कि परीक्षा में बैठने के लिए 75 फीसदी से कम अटेंडेंस नहीं होनी चाहिए. अलबत्ता सीबीएसइ ने कुछ अतिरिक्त छूट देने के लिए ग्राउंड और क्षेत्राधिकारी भी तय किये हैं. 60 फीसदी अटेंडेस की छूट मेडिकल ग्राउंड पर दी जा सकती है.
हालांकि इसके लिए असल कारण भी होने चाहिए. इसमें छूट सीबीएसइ मुख्यालय ही जारी करता है. बशर्ते मेडिकल ग्राउंड बेहद मजबूत और असल हो. कैंसर, टीबी और दूसरे खतरनाक रोगों के ग्राउंड पर छूट दी जा सकती है. सीबीएसइ के रीजनल ऑफिसर ने बताया कि सीबीएसइ पूरी तरह अलर्ट है. यह स्कूलों के प्रिसिंपल की जिम्मेदारी है कि वे सही केस ही अटेंडेंस छूट के लिए आये आवेदन को सत्यापित करें.