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रांची : तीन साल पहले जिस कॉलोनी में हुई सबसे ज्यादा रेन वाटर हार्वेस्टिंग, वहां की भी बोरिंग जवाब दे गयी
रांची : राजधानी रांची में जल संकट भयावह रूप लेता जा रहा है. स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तीन साल पहले जिस कॉलोनी के 28 घरों में 24 में रेन वाटर हार्वेस्टिंग करायी गयी थी, मौजूदा समय में उन सभी की बोरिंग सूख गयी हैं. यह तथ्य बता […]
रांची : राजधानी रांची में जल संकट भयावह रूप लेता जा रहा है. स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तीन साल पहले जिस कॉलोनी के 28 घरों में 24 में रेन वाटर हार्वेस्टिंग करायी गयी थी, मौजूदा समय में उन सभी की बोरिंग सूख गयी हैं. यह तथ्य बता रहा है कि राजधानी का भू-जलस्तर किस तेजी से नीचे जा रहा है.
वर्ष 2015 में राजधानी में पेयजल को लेकर हाहाकार की स्थिति उत्पन्न हुई थी. वाटर लेवल के नीचे जाने के कारण इस वर्ष के गर्मी के मौसम में 500 से अधिक चापाकलों ने पानी देना बंद कर दिया था. हरमू, विद्यानगर, गंगा नगर, यमुना नगर, स्वर्ण जयंती नगर सहित मधुकम के एक बड़े भाग में 5000 से अधिक बोरिंग फेल हो गये थे.
इसे देखते हुए रांची नगर निगम ने शहरवासियों से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण करने का आग्रह किया था. निगम के आग्रह पर हरमू हाउसिंग कॉलोनी में इलाहाबाद बैंक के पीछे स्थित बी टाइप के 28 क्वार्टरों में से 24 में लोगों ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण करवाया. लेकिन, इस बार की भीषण गर्मी में यहां की सभी बोरिंग ने जवाब दे दिया है.
किसी एक कॉलोनी में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण कर लेने से पूरे शहर का वाटर लेबर ऊपर नहीं आयेगा. इस कार्य को वृहद स्तर पर करना होगा. इसके लिए आम जनता के साथ साथ सरकार को भी आगे आना हाेगा. जब सभी मिल कर रेन वाटर हार्वेस्टिंग करायेंगे, तभी शहर का वाटर लेबल बढ़ेगा. सरकार ने एक बार अगर इसे सही तरीके से लागू करा दिया, तो साल के 365 दिन किसी व्यक्ति को पानी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा.
टीएन मिश्र, पूर्व निदेशक, भूतत्व, बिहार सरकार
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