पटना : एक अप्रैल, 2020 से प्रदेश के सभी पंचायतों में नौवीं की पढ़ाई शुरू हो जायेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समीक्षा बैठक के बाद शनिवार को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर हर पंचायत में उच्चतर माध्यमिक स्कूल शुरू करने के राज्य सरकार के नीतिगत फैसले को जमीन पर उतारने के लिए यह निर्णय लिया गया है.
मध्य विद्यालय को उच्चतर मध्य विद्यालय में बदलने के लिए 75 डेसीमल से अधिक जमीन की जरूरत होती है, लेकिन राज्य के 2300 पंचायतों में यह कम है. ऐसे जगहों पर अस्थायी संरचना (प्री फैब स्ट्रक्चर) के रूप में 2-3 कमरे बना कर उसमें नौवीं कक्षा शुरू की जायेगी.
160 उच्चतर माध्यमिक स्कूलों के अधूरे भवनों का निर्माण भी इसी साल पूरा करवाया जायेगा. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष आरके महाजन ने शिक्षा विभाग का प्रजेंटेशन भी दिया. प्रजेंटेशन में प्रारंभिक शिक्षा में मूल्यांकन की व्यवस्था, राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में बिहार के कक्षा 3, 5, 8 व 10 के बच्चों की उपलब्धि, विद्यालय के प्रभावी संचालन हेतु प्रयास और औचक निरीक्षण संबंधी जानकारी तथा अवैध नियुक्त नियोजित शिक्षकों पर कार्रवाई की भी जानकारी दी गयी. शिक्षक पात्रता संबंधी तथ्य, नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों के वितरण, गांधी जी के जीवन पर आधारित कथावाचन, उच्च शिक्षा में 30 प्रतिशत जीइआर प्राप्ति के लिए किये जा रहे प्रयासों के संबंध में भी सीएम को बताया गया.
नियोजित शिक्षकों के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के संबंध में भी जानकारी दी गयी.आनंद किशोर ने बताया कि समय पर परीक्षा परिणाम के आने से राज्य के बच्चे अब देश के किसी भी संस्थान में नामांकन करा सकते हैं. प्रश्नपत्र व मूल्यांकन पद्धति में किये गये बदलाव संबंधी भी जानकारी दी गयी.