नयी दिल्ली : विधि मंत्रालय में वापस आए रविशंकर प्रसाद की प्राथमिकताओं में देश की निचली अदालतों में न्यायाधीशों की भर्ती के लिए अखिल भारतीय न्यायिक सेवा की शुरुआत करना शामिल है. मंत्रालय अधिक अदालत कक्ष तथा न्यायाधीशों की नियुक्ति के साथ न्यायिक संरचना को बेहतर करने पर लगातार काम कर रहा है.
निचली अदालतों में न्यायिक अधिकारियों या न्यायाधीशों की 5000 रिक्तियों के कारण व्यापक स्तर पर मामले लंबित हैं. उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण के संबंध में प्रकिया को तय करना भी प्राथमिकता में है. मामला उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम के साथ दो साल से लंबित है और सरकार किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पायी है. पूर्व की सरकारों ने भारत को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता का केंद्र बनाने पर भी काम किया है. वाणिज्यिक विवाद से निबटने के वास्ते कानून में बदलाव के लिए कई कदम भी उग्ये गये हैं.
मोदी सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने के बाद आज वह अपने लोकसभा क्षेत्र पटना साहिब लौट रहे हैं. रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट कर बताया है कि ”मोदी सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने के बाद आज मैं अपने लोक सभा क्षेत्र पटना साहिब जा रहा हूं, जहां की जनता ने मुझे इतना प्रेम और समर्थन दिया.जन सेवा ही जनार्दन सेवा होती है और इसी विश्वास के साथ जन सेवा की अविरल गंगा बहती रहेगी.”
मोदी सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने के बाद आज मैं अपने लोक सभा क्षेत्र पटना साहिब जा रहा हूँ जहाँ की जनता ने मुझे इतना प्रेम और समर्थन दिया।
जन सेवा ही जनार्दन सेवा होती है और इसी विश्वास के साथ जन सेवा की अविरल गंगा बहती रहेगी।— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) June 1, 2019