गुवाहाटीः कारगिल युद्ध लड़ने वाले भारतीय सैनिक मोहम्मद सनाउल्लाह को विदेशी घोषित किया गया है. इसके बाद उन्हें हिरासत शिविर में भेज दिया गया है. वर्तमान में 52 वर्षीय मोहम्मद सनाउल्लाह सीमा पुलिस में सहायक उप-निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं. असम में राष्ट्रपति पदक से अलंकृत सेना के एक पूर्व अधिकारी को विदेशियों के लिए बने न्यायाधिकरण के द्वारा बुधवार को विदेशी घोषित होने के पश्चात हिरासत शिविर में भेज दिया गया. पुलिस ने यह जानकारी दी.
असम के कामरूप जिले में कार्यरत इस न्यायाधिकरण ने इसी जिले के बोको पुलिस थाना क्षेत्र के गांव कोलोहिकाश के निवासी मोहम्मद सनाउल्लाह को ‘विदेशी’ घोषित कर दिया. कामरूप जिले के एसएसपी संजीब सैकिया ने बताया कि 2008 में सनाउल्लाह का नाम मतदाताओं की सूची में ‘डी’ (संदिग्ध) मतदाता के रूप में दर्ज किया गया था. उऩ्होंने बताया कि न्यायाधिकरण के फैसले के बाद पुलिस ने तय प्रक्रिया के अनुरूप कार्रवाई करते हुए सनाउल्लाह को गोलपाड़ा के हिरासत शिविर में भेज दिया.
शिविर में जाने से पहले सनाउल्लाह ने बताया कि वह भारतीय नागरिक हैं और उनके पास नागरिकता से संबंधित सारे कागजात हैं. जानकारी के मुताबिक, सनाउल्लाह ने बताया कि उन्होंने सेना में शामिल होकर तीस साल (1987-2017) तक इलेक्ट्रोनिक एंड मैकेनिकल इंजीनियर विभाग में सेवाएं दी हैं और उन्हें 2014 में राष्ट्रपति की तरफ से पदक भी मिल चुका है.
वह बीते साल से सीमा पुलिस में बतौर सहायक उपनिरीक्षक के पद पर कार्यरत है. सनाउल्लाह के परिवारवालों ने बताया कि वह न्यायाधिकरण के फैसले के खिलाफ गुवाहाटी हाईकोर्ट में अपील करेंगे. सीमा पुलिस असम की वह इकाई है, जो अक्सर सेवानिवृत्त सेनाकर्मियों और अर्धसैनिक कर्मियों को नियुक्त करती है.