दिल्ली :अगले कुछ दिनों में उत्तर-पश्चिमी और पूर्वी भारत के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान में दो-तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है. भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) ने चेतावनी जारी करते हुए बताया कि उत्तर-पश्चिम और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में धूल भरे तूफान भी देखने को मिल सकते हैं. आइएमडी बुलेटिन के अनुसार, इन क्षेत्रों में अधिकतम तापमान लगभग 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जिसके साथ हीट वेव (गर्म हवाएं चलने) जैसी स्थिति हो सकती है.
अगले तीन दिनों में मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, तेलंगाना, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान, बिहार, झारखंड, यूपी और ओड़िशा में शुष्क हवाओं के चलते गर्मी बढ़ेगी. आइएमडी के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि अधिकतम तापमान में दो-तीन डिग्री की बढ़ोतरी होगी. गुजरात, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में तापमान काफी अधिक हो सकता है. बिहार और झारखंड में अगले दो से तीन दिनों तक गर्म हवाएं चल सकती हैं.
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- नागपुर का तापमान 49.55 डिग्री होने का दावा, मौसम विभाग ने किया इंकार
- नागपुर में तापमान दिनोदिन बढ़ रहा है. मंगलवार को लोगों ने यहां का तापमान 49.55 डिग्री होने का दावा किया. हालांकि, मौसम विभाग ने इससे इंकार किया है. यहां तापमान 47.5 डिग्री बना हुआ है.
नागपुर में रेड लाइट पर शेड, रुकने में लोगों को नहीं हो रही परेशानी
बढ़ते तापमान में भी लोग ट्रैफिक के नियमों का पालन करें, इसके लिए रेड लाइट पर बड़े-बड़े शेड बनाये गये हैं. लोग इस शेड के नीचे अपनी गाड़ी खड़ी कर रेड लाइट का पालन कर रहे हैं.
फेनी चक्रवात के बाद बढ़ी गर्मी
चक्रवात फेनी के कारण बंगाल की खाड़ी से नरम हवाएं उत्तर-पूर्व, पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत में फैली थीं. समुद्र की नमी होने पर अधिकतम तापमान बहुत अधिक नहीं बढ़ा. जैसे ही चक्रवात फेनी कमजोर हुआ और उसकी दिशा बदली उत्तर-पश्चिमी हवाएं (अफगानिस्तान और पाकिस्तान से) बहने लगी हैं. बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से किसी भी नमी के अभाव में उत्तर-पश्चिम, मध्य और यहां तक कि पूर्वी भारत में गर्मी बढ़ने की आशंका है.
मॉनसून के अगस्त तक आने की आशंका, इस बार पड़ सकता है सूखा
कमजोर अल-नीनो के कारण मॉनसून के जून में कमजोर पड़ने की आशंका है. वर्ल्ड मेटरोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन के अनुसार, अगर दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून कमजोर हुआ, तो बारिश के अगस्त तक जाने की संभावना है. इससे देश के अधिकतर हिस्सों में सूखा पड़ने की भी आशंका है. फिलहाल, मॉनसून अंडमान व निकोबार के कुछ हिस्सों में पहुंचने के बाद सुस्त हो गया है.
संयुक्त राष्ट्र विश्व मौसम विज्ञान संबंधी संगठन ने कहा कि इस साल जून और अगस्त के बीच प्रशांत महासागर में अलनीनो के बनने की संभावना 60 से 65% है. सितंबर से इसकी संभावना 50 % ही रह जायेगी. इससे भारत में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की गति गड़बड़ाती है और सूखा पड़ता है.