नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली से उनके सरकारी निवास पर जाकर मुलाकात की. इस मुलाकात से कुछ घंटे पहले जेटली ने अपने स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर नयी सरकार में कोई दायित्व नहीं दिये जाने का अनुरोध किया था.
अधिकारियों ने बताया कि मोदी वित्त मंत्री जेटली के घर जाकर उनके पास कुछ देर रहे. दोनों के बीच बातचीत का ब्योरा नहीं मिल सका है. जेटली या उनके कार्यालय ने इस मुलाकात के बारे में तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है. जेटली ने इससे पहले अपने पत्र को ट्विटर पर जारी किया था. मालूम हो कि मोदी के नेतृत्व में नयी मंत्रिपरिषद को बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति भवन में शपथ दिलायी जायेगी. सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने जेटली का पत्र मिलने की सूचना दी है. मोदी ने अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने और जीएसटी के क्रियान्वयन में जेटली के योगदान की सराहना की. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मोदी ने नयी सरकार में कोई दायित्व न देने के जेटली के अनुरोध को स्वीकार किया है या नहीं.
जेटली ने मोदी को लिखे अपने पत्र में कहा है, मैं आपसे औपचारिक रूप से यह निवेदन करने के लिए लिख रहा हूं कि मुझे अपने लिए, अपनी चिकित्सा के लिए और अपने स्वास्थ्य के लिये कुछ समय चाहिए और इस कारण मुझे अभी नयी सरकार में कोई जिम्मेदारी न दी जाये. जेटली को पिछले सप्ताह जांच एवं इलाज के लिए एम्स में भर्ती होना पड़ा था. उन्हें चुनाव परिणाम की घोषणा वाले दिन बृहस्पतिवार को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था. यही वजह है कि जेटली उस दिन शाम में भाजपा मुख्यालय में आयोजित जीत के जश्न समारोह में शामिल नहीं हो पाये थे.
जेटली ने पत्र में कहा, आपके नेतृत्व वाली सरकार में पिछले पांच साल रह कर काम करना मेरे लिए बड़े गर्व की बात है और यह एक शिक्षाप्रद अनुभव रहा है. इससे पहले भी पार्टी ने मुझे पहली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में, पार्टी संगठन में और जब हम विपक्ष में थे तब भी मुझे विभिन्न दायित्व सौंपा. मैं अब इससे अधिक की अपेक्षा कर भी नहीं सकता था. जेटली 2009 से 2014 के दौरान राज्यसभा में विपक्ष के नेता रह चुके हैं. जेटली पेशे से वकील हैं और मोदी के मंत्रिमंडल में सबसे महत्वपूर्ण मंत्री रहे हैं. उन्होंने अक्सर सरकार के लिए मुख्य संकटमोचक का काम किया है. उन्होंने वित्त मंत्री रहते हुए संसद में जीएसटी जैसे महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों को बढ़ाया. यह दो दशक से लंबित था. वह तीन तलाक जैसे मुद्दों पर आये कानूनों को आगे लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका में रहे. राफेल सौदे का बचाव करने में भी वह बहुत मुखर रहे.
जेटली खराब स्वास्थ्य के कारण इस बार चुनाव नहीं लड़े. वर्ष 2014 में वह अपने पहले संसदीय चुनाव में अमृतसर से हार गये थे. जेटली कई साल तक पार्टी के प्रवक्ता रहे. वह पहली बार 47 वर्ष की उम्र में गुजरात से राज्यसभा पहुंचे. तब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे जेटली अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे. जब मोदी प्रधानमंत्री बने तो उन्हें वित्त मंत्री बनाया गया. उन्होंने कुछ समय तक रक्षा मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का भी काम संभाला.