नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के पास पूर्व प्रधानमंत्रियों के इनकम टैक्स रिफंड का कोई रिकॉर्ड नहीं है. सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गयी जानकारी में यह तथ्य सामने आया है. पीएमओ ने दायर एक आरटीआई आवेदन के जवाब में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों से संबंधित रिकॉर्ड कार्यालय के पास उपलब्ध नहीं है. आरटीआई के तहत पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनकी मंत्रिपरिषद के सदस्यों को मिले इनकम टैक्स रिफंड की जानकारी मांगी गयी थी.
इसे भी देखें : सभी आयकर रिफंड सीधे बैंक खाते में डाले जायेंगे : सीबीडीटी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इनकम टैक्स रिफंड के सवाल पर पीएमओ ने ब्योरा देने से इनकार करते हुए कहा कि सूचना के अधिकार कानून के तहत इसकी सूचना देने की जरूरत नहीं है. पीएमओ ने कहा कि जो सूचना मांगी गयी है वह व्यक्तिगत प्रकृति की है और आरटीआई कानून की धारा 8 (1) (आई) के तहत इसकी छूट है. यह धारा ऐसी व्यक्तिगत सूचना के खुलासे से रोकती है, जिसका सार्वजनिक हित या गतिविधि से कोई संबंध नहीं है. यह व्यक्ति की गोपनीयता को बेवजह का दखल होगा.
हालांकि, केंद्रीय सार्वजनिक सूचना अधिकारी या राज्य सार्वजनिक सूचना अधिकारी या अपीलीय प्राधिकरण को यदि किसी मामले में लगता है कि वृहद जनहित में इस तरह का खुलासा किया जाना चाहिए, तो ऐसा किया जा सकता है. हालांकि, यह धारा आगे यह भी कहती है कि यदि कोई सूचना संसद या राज्यों के विधानसभा को दी जा सकती है, तो इसे किसी व्यक्ति को देने से इनकार नहीं किया जा सकता.
एनएसडीएल ई-गवर्नेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा प्रबंधित आयकर विभाग के कर सूचना नेटवर्क द्वारा रिफंड के बारे में उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछले 18 साल में कम से कम पांच बार रिफंड मिला है. आकलन वर्ष 2001-02 से इस प्लेटफार्म पर किसी व्यक्ति के स्थायी खाता संख्या (पैन) के जरिये ऑनलाइन रिफंड की स्थिति की जानकारी ली जा सकती है. मोदी के मामले में आकलन वर्ष 2015-16 और 2012-13 के लिए रिफंड को बकाया मांग से समायोजित किया गया है. इस पोर्टल पर रिफंड की राशि का जिक्र नहीं है, लेकिन तारीख या समायोजन का उल्लेख है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.