भागलपुर : छपरा में हुई डकैती के एक मामले में मढौरा के पूर्व विधायक सुरेंद्र शर्मा की जमानत पर विशेष न्यायालय सह तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में मंगलवार को बहस हुई. इस दौरान पूर्व विधायक की तरफ से बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने मामले में बहस के दौरान कहा कि जिस समय कोर्ट ने जमानत को रद्द किया, उस समय आरोपित छपरा के जेल में एक मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे थे. इस कारण सुनवाई के दौरान कोर्ट में हाजिर नहीं हो पाये और उनके जमानत को रद्द कर दिया गया.
कोर्ट ने जमानत रद्द करने के बाद कुर्की का भी आदेश दिया था. कोर्ट ने बहस सुनने के बाद जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया. अपर लोक अभियोजक जयकरण गुप्ता व बचाव पक्ष से अधिवक्ता देवेंद्र गुप्ता और अधिवक्ता सिरुस लाल ने पैरवी की. सुनवाई के दौरान पूर्व विधायक सुरेंद्र शर्मा कोर्ट में हाजिर हुए. उन्हें पुलिस कस्टडी में ले लिया गया.
नौ जुलाई 2001 को डकैती मामले में मिली थी जमानत : सत्र वाद संख्या 262/1997 में डकैती की योजना में मढौरा के पूर्व विधायक सुरेंद्र शर्मा के अतिरिक्त अर्जुन प्रसाद, राजकिशोर चौधरी, बृजेंद्र बहादुर सिंह व अन्य आरोपित थे. इस मामले में पूर्व विधायक को भागलपुर के सत्र न्यायालय से नौ जुलाई 2001 को जमानत मिल गयी थी.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जनप्रतिनिधियों के लिए विशेष न्यायालय में सुनवाई के निर्देश को देखते हुए 29 जनवरी 1997 को छपरा सत्र न्यायालय से केस भागलपुर विशेष कोर्ट में केस ट्रांसफर किया गया था.