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पटना जू के मांसाहारी जानवरों ने रखा सोमवार को उपवास

आजकल हर कोई खुद को फिट रखने के लिए अपनी डायट पर खास ध्यान देता है. ऐसे में संजय गांधी जैविक उद्यान (पटना जू) के जानवर भला खुद को कैसे पीछे रख सकते हैं. वे भी अपने फिजिकल स्टेमिना और स्वास्थ्य पर ध्यान देने के लिए डायट मेंटेन करते हैं. बता दें कि जू के […]

आजकल हर कोई खुद को फिट रखने के लिए अपनी डायट पर खास ध्यान देता है. ऐसे में संजय गांधी जैविक उद्यान (पटना जू) के जानवर भला खुद को कैसे पीछे रख सकते हैं. वे भी अपने फिजिकल स्टेमिना और स्वास्थ्य पर ध्यान देने के लिए डायट मेंटेन करते हैं. बता दें कि जू के सभी मांसाहारी जानवर प्रत्येक सोमवार को उपवास रखते हैं. पढ़िए जू में जानवरों के उपवास पर अश्वनी कुमार राय की रिपोर्ट.

मंडे को आराम करते हैं सभी जानवर

सोमवार को पटना जू बंद रहता है. इस दिन आम लोगों को जू में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाती है. फिर भी प्रभात खबर के रिपोर्टर ने पता लगाया कि आखिर इस साप्ताहिक छुट्टी में अंदर की एक्टिविटी क्या होती है? जानवर किस तरह से रहते हैं? उनका बिहेवियर अन्य दिनों की तुलना में कैसा होता है? इस दिन जानवरों की खान-पान की क्या वयवस्था होती है? ऐसे कई बातों पर जब पड़ताल की गयी तो पता चला की प्रत्येक सोमवार को मांसाहारी जानवरों को उपवास पर रखा जाता है.

पाचन तंत्र दुरुस्त रखने में मिलती है सहायता

अल्पाहार और अनाहार के इस्तेमाल से जानवरों के पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में सहायता मिलती है. इससे जानवर कई तरह की बीमारियों से बचे रहते हैं क्योंकि पशुओं को होनेवाली ज्यादातर बीमारियों के मूल में खान-पान संबंधी अनियमितता होती है. विशेषज्ञों की मानें तो जरूरत से कम भोजन देना जानवरों के स्वास्थ्य के लिए जितना नुकसानदेह है, उससे भी अधिक जरूरत से अधिक भोजन देना. बता दें कि बाघ, शेर, तेंदुआ, सियार और अन्य मांसाहारी जानवरों को रोजाना एक दिन में 10 किग्रा मांस (बीफ) दिया जाता है.

जानवरों ने मनाया वीकेंड हॉलीडे

मंडे को छुट्टी के दिन जू में न चहल-पहल थी और न ही किसी तरह का शोर-शराबा. आम दिनों की तुलना में जू के अंदर जाते ही शांति वाला माहौल देखने को मिला. इस शांति वातावरण में सभी जानवर आराम फरमा रहे थे. खास कर शेर,भालू और बाघ छुट्टी का पूरा लुत्फ उठा रहे थे. वहीं पक्षियों की बात करें तो वे भी अपने दोस्तों और सगे संबंधियों संग छुट्टी का लुत्फ उठा रहे थे.

फिट रहने के लिए रखते हैं उपवास

पटना जू के शेर, बाघ, चीता, भालू जैसे कई जानवर सोमवार को उपवास पर रहते हैं. इस बात की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि जानवरों को सिर्फ एक टाइम (शाम में) ही खाना दिया जाता है. उपवास रखने के पीछे कारण बताया गया कि जानवरों में मोटापा और चर्बी कम हो इसलिए ऐसा किया जाता है.

क्या कहते हैं अधिकारी

सोमवार को संजय गांधी जैविक उद्यान बंद रहता है. इस दिन मांसाहारी जानवर उपवास रखते हैं. उन्हें शाम में खाना दिया जाता है. पूरे दिन वे आराम करते हैं. जानवरों का स्वास्थ्य अच्छा रहे इसलिए ऐसा किया जाता है.
-अमित कुमार, डायरेक्टर, पटना जू

शाकाहारी जानवरों को मिलता है सब्जी और फल
एक तरफ जहां सोमवार को मांसाहारी जानवरों के खाने में कटौती की जाती है. वहीं शाकाहारी जानवरों को पूरी खुराक दी जाती है. छोटे पक्षियों यथा कबूतर, बत्तख आदि को भी इस दौरान पूरी खुराक दी जाती है जबकि मोर, इमू, शुतुरमूर्ग, केसवरी जैसी बड़े पक्षियों को अल्पाहार दिया जाता है. जानवरों के इलाज में देशी पौधों और जड़ी बूटियों का इस्तेमाल भी किया जाता है.

सोमवार को केज की होती है साफ-सफाई
सोमवार को जू के हर इनक्लोजर और केज की पूरी तरह से सफाई की जाती है. इसके साथ ही छोटे जानवरों के केज और बड़े जानवरों के नाइट सेल्टर में हल्दी पाउडर का छिड़काव किया जाता है. इससे केज और नाइट सेल्टर में मौजूद संक्रमण फैलाने वाले बैक्टिरिया और वायरस डिसइंफेक्ट हो जाते हैं. साथ ही, पशुओं के शरीर के घाव भी इससे ठीक हो जाते हैं क्योंकि जमीन पर लेटने के क्रम में उनके शरीर और उसके कटे छिले हिस्सों में भी हल्दी लग जाती है.

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