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रांची : हाउस सर्जन के भरोसे कार्डियेक इमरजेंसी
रांची : रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग की कार्डियेक इमरजेंसी हाउस सर्जन के भरोसे चल रही है. इस कारण हार्ट के मरीजों को जितनी सुविधा मिलनी चाहिए, वह नहीं मिल पा रही है. सीनियर डॉक्टरों की ड्यूटी नहीं होने के कारण हार्ट के गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल पाता है. सूत्रों के अनुसार, कार्डियेक […]
रांची : रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग की कार्डियेक इमरजेंसी हाउस सर्जन के भरोसे चल रही है. इस कारण हार्ट के मरीजों को जितनी सुविधा मिलनी चाहिए, वह नहीं मिल पा रही है. सीनियर डॉक्टरों की ड्यूटी नहीं होने के कारण हार्ट के गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल पाता है.
सूत्रों के अनुसार, कार्डियेक इमरजेंसी में हृदय रोगियों को तभी इलाज मिल पायेगा, जब वहां राउंड क्लॉक सीनियर रेजीडेंट की ड्यूटी लगेगी.
कार्डियोलॉजी विभाग में सीनियर रेजीडेंट के छह पद स्वीकृत हैं, लेकिन तीन सीनियर रेजीडेंट ही काम कर रहे हैं. तीन पद आरक्षित है, जिसके लिए डॉक्टर ही नहीं मिल रहे हैं. रिम्स प्रबंधन हर बार खाली तीन सीटों को ही भरने का प्रयास करता है. तीन आरक्षित सीटों पर आवेदन निकालने के बाद भी कोई नहीं आता है.
परिजनों की लिखित शिकायत पर होगी कार्रवाई : शनिवार शाम को रिम्स की कार्डियेक इमरजेंसी में इलाज कराने आये किशाेरी मोहन नामक मरीज को लौटा दिया गया था. बाद में उक्त मरीज की मौत मेडिका अस्पताल में हो गयी थी.
इस मामले में रिम्स निदेशक ने कहा था कि उन्हें भी मामले की जानकारी मिली, लेकिन इस नाम के मरीज का कोई रिकॉर्ड हमारे पर नहीं मिल रहा है. अगर परिजन लिखित शिकायत करते हैं और ओपीडी की पर्ची दिखाते हैं तो उसके आधार पर जांच करायी जायेगी. फिर नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी.
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