चंद्रशेखर को देश के उन विरले नेताओं में गिना जाता है, जो अपने सिद्धांतों पर कायम रहे. वह 10 नवंबर, 1990 को भारत के 8वें प्रधानमंत्री बने. उनकी सरकार के काम में जब कांग्रेस ने हस्तक्षेप किया, तो उन्होंने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया. कांग्रेस के समर्थन वापस लेने की खबरों के बीच चंद्रशेखर ने 6 मार्च, 1991 को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
बाद में राजीव गांधी ने प्रयास किया कि चंद्रशेखर इस्तीफा वापस ले लें. शरद पवार उनसे बात करने गये, तो चंद्रशेखर ने गुस्से में कहा, आप प्रधानमंत्री के पद का कैसे इस तरह उपहास कर सकते हैं? जाओ और उनसे कह दो, चंद्रशेखर एक दिन में तीन बार अपने विचार नहीं बदलता.