मोतिहारी : समाहरणालय परिसर स्थित महिला हेल्पलाइन तीन वर्षों से मदद के आस में है. महज एक परामर्शी के सहारे कार्यालय चल रहा है.
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तीन वर्षों से मदद की आस में महिला हेल्पलाइन
मोतिहारी : समाहरणालय परिसर स्थित महिला हेल्पलाइन तीन वर्षों से मदद के आस में है. महज एक परामर्शी के सहारे कार्यालय चल रहा है. इस कारण मामलों के निबटारा नहीं होता है. जनवरी 2016 में परियोजना प्रबंधक व एक परामर्शी सहित तीन अधिवक्ताओं के बर्खास्त होने के बाद से अब तक विभाग द्वारा एक भी […]
इस कारण मामलों के निबटारा नहीं होता है. जनवरी 2016 में परियोजना प्रबंधक व एक परामर्शी सहित तीन अधिवक्ताओं के बर्खास्त होने के बाद से अब तक विभाग द्वारा एक भी अधिकारी की बहाली नही की गयी है. अधिवक्ताओं का कोई पैनल भी नहीं बनाया गया है, जिस कारण कार्यालय कई समस्याओं से जूझ रहा है.
सूत्र के मुताबिक डीएम के फर्जी हस्ताक्षर पर यहां एक परियोजना प्रबंधक व परामर्शी की नियुक्ति हुई थी. वही तीन अधिवक्ताओं का पैनल कानूनी सहायता के लिए बनाया गया था, जो मामला सामने आने के बाद तत्कलीन डीएम अनुपम कुमार ने नियोजन रद्द कर दिया था. साथ ही सभी काे सेवा से वंचित कर दिया था. पूरी जिम्मेवारी दूसरे परामर्शी दीक्षा कुमारी को दी गयी, जो अब तक निर्वहन कर रहीं हैं.
26 फरवरी 2013 को शुरू हुआ था हेल्पलाइन : महिला हेल्पलाइन की शुरुआत 26 फरवरी 2013 में हुई थी. उस समय तत्कालीन अभिजीत सिन्हा ने विधिवत कार्यालय का उद्घाटन किया था, जब कार्यालय खुला तब प्रयास संस्था उसकी देखरेख करती थी. बाद में महिला विकास निगम के अधीन यह कार्यालय चला गया.
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