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पेयजल समस्या से जूझ रहा है सिमडेगा का एक गांव, रहते हैं झारखंड में, पानी लाते हैं ओड़िशा से
संजय प्रसाद ठेठईटांगर : प्रखंड क्षेत्र के केरया पंचायत क्षेत्र के राचाकोना गांव के लोग आज भी पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं. गांव में खड़िया लोहरा और अन्य जाति के लगभग 25 परिवार निवास करते हैं. गर्मी के दिनों में ग्रामीणों को डाड़ी, कुआं और नदी का पानी पीना पड़ रहा है. गांव के […]
संजय प्रसाद
ठेठईटांगर : प्रखंड क्षेत्र के केरया पंचायत क्षेत्र के राचाकोना गांव के लोग आज भी पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं. गांव में खड़िया लोहरा और अन्य जाति के लगभग 25 परिवार निवास करते हैं.
गर्मी के दिनों में ग्रामीणों को डाड़ी, कुआं और नदी का पानी पीना पड़ रहा है. गांव के लाेग रहते हैं झारखंड में पर उन्हें ओड़िशा राज्य से पानी लाना पड़ रहा है.
केरया पंचायत के मुखिया शिवराज बड़ाइक से जब राचाकोना गांव में पेयजल समस्या के बारे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि राचाकोना गांव जंगल-पहाड़ों से घिरा हुआ है. मुखिया मद तथा 14वें वित्त आयोग द्वारा एक चापाकल बस्ती में और एक चापाकल प्राथमिक विद्यालय परिसर में लगभग तीन सौ फीट गहरा लगाया गया है.
लेकिन गर्मी के दिनों में जलस्तर नीचे चल जाने से पेयजल संकट गहरा गया है. मरियानुस डुंगडुंग ने बताया कि गर्मी के मौसम में ओड़िशा राज्य में लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर जाकर पानी लाना पड़ता है. अंथोनी डुंगडुंग ने कहा कि खास कर गर्मी के दिनों में पेयजल की समस्या उत्पन्न हो जाती है.
चपाकल सुख जाता है. सरकार को कोई वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए. देवनीस डुंगडुंग ने कहा कि राचाकोना गांव के लोगों को आज भी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है. खास कर गर्मी के दिनों में पेयजल के लिए ग्रामीणों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है़ पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है. सरकार व स्थानीय विधायक को चाहिए की यहां डीप बोरिंग करा कर पेयजल उपलब्ध कराये.
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