जींद : चुनाव प्रचार करने के बाद चंडीगढ़ लौट रहे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को जिला निर्वाचन अधिकारी ने रात में नरवाना में ठहरने की अनुमति नहीं दी. देर रात उच्च न्यायालय के आदेश के बाद ही वह रेस्ट हाउस में ठहर सके.
मामला शुक्रवार देर शाम का है, जब खट्टर मंडी डबवाली में एक कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद चंडीगढ़ लौट रहे थे. मौसम खराब होने की वजह से जब वह हेलीकॉप्टर से उड़ान नहीं भर सके तो सड़क मार्ग से जाने का फैसला किया और रास्ता काफी लंबा होने के कारण रात में नरवाना के सरकारी रेस्ट हाउस में ठहरने का फैसला किया. उच्च न्यायालय में सरकार की ओर से किये गये दावे के अनुसार, खट्टर ने रास्ते में पड़ने वाले नरवाना सरकारी रेस्ट हाउस में रुकने की इच्छा जतायी. इसके लिए एडीसी रजनीश गर्ग को बताया गया तो उन्होने जींद के जिला निर्वाचन अधिकारी और उपायुक्त आदित्य दहिया को जानकारी दी. आदित्य ने इसकी इजाजत नहीं दी.
उन्होंने कहा कि शाम 5 बजे चुनाव प्रचार खत्म हो चुका है और ऐसे में कोई भी ऐसा व्यक्ति जो उस क्षेत्र का मतदाता नहीं है और चुनाव को प्रभावित कर सकता है, उसे उक्त क्षेत्र में रुकने की इजाजत नहीं मिल सकती. इसके तुंरत बाद हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी को भी इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने भी आचार संहिता का हवाला देते हुए खट्टर को नरवाना छोड़ने को कहा.
मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव वी उमाशंकर ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को चिट्ठी भेजी. पूरा मामला बताते हुए लिखा गया कि डबवाली से चंडीगढ़ का रास्ता 340 किलोमीटर है. यह मुख्यमंत्री के लिए असुविधाजनक है. लेकिन, उन्हें वहां से भी राहत नहीं मिली. तब रात करीब साढ़े 8 बजे सरकार उच्च न्यायालय में गयी. सुनवाई के बाद ही खट्टर को नरवाना में ठहरने की अनुमति मिल पायी. 30 मिनट सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री को रात को नरवाना में रेस्ट हाउस में ठहराने के आदेश दिये.