16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कोडरमा : सदर अस्पताल में नहीं मिली दवाई, बिरहोर बच्चे की मौत

प्रतिनिधि कोडरमा : जिले में प्रशासनिक लापरवाही व समुचित इलाज के अभाव में एक बार फिर आदिम जनजाति बिरहोर परिवार के एक बच्चे तीन वर्षीय शिवम कुमार पिता संजय बिरहोर की मौत हो गई. घटना जिला मुख्यालय से महज दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित फुलवरिया बिरहोर टोला की है. बच्चे के पिता के अनुसार […]

प्रतिनिधि

कोडरमा : जिले में प्रशासनिक लापरवाही व समुचित इलाज के अभाव में एक बार फिर आदिम जनजाति बिरहोर परिवार के एक बच्चे तीन वर्षीय शिवम कुमार पिता संजय बिरहोर की मौत हो गई. घटना जिला मुख्यालय से महज दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित फुलवरिया बिरहोर टोला की है. बच्चे के पिता के अनुसार उसे मंगलवार सुबह को ही आंगनबाड़ी केंद्र के बाहर लू लग गयी थी. इलाज के लिए जब सदर अस्पताल ले जाया गया तो वहां डॉक्टर ने पर्ची पर दवा लिखकर लेने को कहा.

वह अस्पताल परिसर में ही स्थित दवाखाना में दवा लेने गया तो दवाई नहीं मिली और बाहर से दवा खरीदने को कहा गया. परेशान पिता बच्चे को लेकर इधर-उधर भटकाता रहा. फिर निजी डॉक्टर से इलाज कराया, पर कोई सुधार नहीं हुआ. बुधवार सुबह एक बार फिर वह बच्चे को लेकर सदर अस्पताल पहुंचा. लेकिन इलाज नहीं होने के कारण उसे वापस गांव लौटना पड़ा और घर पर ही शिवम की मौत हो गई.

इससे पहले शिवम मंगलवार की सुबह आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 0529 में गया था. सुबह करीब 10 बजे चापानल में पानी पीने के दौरान उसके नाक से खून बहने लगा तो अन्य बच्चों ने इसकी जानकारी सहायिका को दी. सहायिका शांति देवी तुरंत बच्चे को लेकर उसके घर पहुंची व उसे सदर अस्पताल ले जाने को कहा.इधर, पूरी घटना के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा है. हालांकि, सामाचार लिखे जाने तक प्रशासनिक महकमे का कोई बड़ा अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा था. जानकारी मिलने पर सीएस के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम डा. अभय भूषण के नेतृत्व में गई और बच्चों को ओआरएस का घोल पिलाया, जबकि बच्चे का शव घर पर पड़ा था. सूचना पर कोडरमा पुलिस भी पहुंची थी.

* फेंक दिया पर्ची, कहा, जहां जाना है जाओ

बच्चे के पिता संजय बिरहोर ने बताया कि करीब 11 बजे जब वह सदर अस्पताल पहुंचे तो सबसे पहले पर्ची कटाई. एक डाक्टर ने बच्चे को देखा और सुई देने के बाद कहा कि इसे बच्चे वाले डॉक्टर के पास दिखाओ. जब वह दूसरे डॉक्टर के पास बच्चे को लेकर गये तो पर्ची में दवाई लिखकर दवाखाना भेज दिया. दवाखाना गया तो वहां मौजूद कर्मी ने कहा कि यह बाहरी दवा लिखा हुआ है यहां नहीं मिलेगा.इसपर उन्‍होंने कहा कि मेरे पास पैसे नहीं हैं, कहां से लेंगे.

इसपर दावाखाना कर्मी ने पर्ची फेंक दिया और कहा कि जहां जाना है जाओ. बाहर निकलने के बाद दूसरे की मदद से निजी डा. पवन कुमार के पास गए. उन्होंने बिना पैसा लिए इलाज किया, पर रात भर में सुधार नहीं हुआ. बुधवार की सुबह नौ बजे वह दोबारा सदर अस्पताल गया, पर न इलाज हुआ न बच्चे को भर्ती किया गया. संजय ने कहा कि जहां जाते हैं सब बिरहोर जान के झिड़क देते हैं.

बिरहोर बच्चे के इलाज में किसी तरह की लापरवाही बरती नहीं गई है. जहां तक दवा नहीं मिलने की बात है तो घटना के दिन फार्मासिस्ट चुनावी ड्यूटी में था. सदर अस्पताल में पर्याप्त दवाई मौजूद है. जांच में यह बात सामने आई है कि बच्चे का इलाज सदर में कराने के बाद बाहरी डाक्टर से कराया गया. ऐसे में मौत का कारण स्पष्ट नहीं बताया जा सकता.

डा. हिमांशु बरवार, सिविल सर्जन कोडरमा

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें