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भगवान राम का नाम भारत में नहीं, तो क्या पाकिस्तान में लिया जायेगा : शाह

लोगों को उनकी संस्कृति से अलग नहीं कर सकते : भाजपा अध्यक्ष भाजपा उम्मीदवार भारती घोष के समर्थन में घाटाल में सभा कोलकाता : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा चुनाव प्रचार के सिलसिले में घाटाल में सभा कर राज्य सरकार को निशाने पर लिया. भाजपा उम्मीदवार भारती घोष के पक्ष […]

लोगों को उनकी संस्कृति से अलग नहीं कर सकते : भाजपा अध्यक्ष

भाजपा उम्मीदवार भारती घोष के समर्थन में घाटाल में सभा

कोलकाता : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा चुनाव प्रचार के सिलसिले में घाटाल में सभा कर राज्य सरकार को निशाने पर लिया. भाजपा उम्मीदवार भारती घोष के पक्ष में सभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि बंगाल में श्रीराम का नाम लेने में लोगों को समस्या पेश आ रही है.

श्रीराम का नाम भारत में नहीं लेंगे तो क्या पाकिस्तान में लेंगे? मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लोगों को उनकी संस्कृति से अलग नहीं कर सकतीं. शाह ने कहा कि वह देश के कई राज्यों से होकर आये हैं. हर राज्य में भाषा तो बदल जाती है.

खान-पान बदल जाता है. लेकिन सर्वत्र नारा एक ही रहता है. वह नारा, मोदी के नाम का है. यह महज एक चुनावी नारा नहीं है. यह नरेंद्र मोदी को देशवासियों का आशीर्वाद है. उन्होंने कहा कि लोकसभा का चुनाव, बंगाल में लोकतंत्र की स्थापना और ममता बनर्जी की हिंसा से मुक्त कराने के लिए लड़ा जा रहा है.

23 मई को मतगणना के दिन, बंगाल से भाजपा को 23 से अधिक सीटें मिलेंगी. भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भारती घोष ने मुख्यमंत्री के अवैध निर्देशों को मानने से इनकार कर दिया था. घुसपैठ का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि देशभर में इसके खिलाफ आवाज उठी है.

बंगाल से भी घुसपैठियों को निकाला जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह अफवाह फैलायी जा रही है कि शरणार्थियों को भी यहां से भगाया जायेगा, जबकि सच्चाई यही है कि नागरिकता संशोधन विधेयक में शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी, जबकि घुसपैठियों को एनआरसी के तहत चुन-चुन कर निकाला जायेगा.

शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने पांच साल के लिए बंगाल के विकास के लिए 4.24 लाख करोड़ रुपये दिये हैं. लेकिन राज्य सरकार ने इन पैसों को आम लोगों तक नहीं पहुंचाया. ये पैसा सिंडिकेट के जरिये खा लिया गया. शाह ने सिंडिकेट टैक्स का जिक्र करते हुए कहा कि हर काम के लिए बंगाल में सिंडिकेट को टैक्स देना होता है. तृणमूल ने मां, माटी, मानुष सरकार का नारा देकर सत्ता हासिल की थी. लेकिन बांग्ला में पढ़ने का अधिकार मांगने वालों तक को गोली मार देने की घटना हुई है. तृणमूल सरकार बस अब कुछ दिनों की ही मेहमान है.

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