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जमशेदपुर ई-कचरा मुक्त बनेगा, योजना तैयार

ब्रजेश मिश्रा, जमशेदपुर : टाटा स्टील की सहयोगी कंपनी जुस्को ‘जिम्मेदार नागरिक, जिम्मेदार शहर’ मुहिम को नयी रफ्तार देगी. नागरिक सुविधाएं प्रदान करने वाली कंपनी भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखकर जमशेदपुर को ई-कचरा (इलेक्ट्रॉनिक कचरा) मुक्त शहर बनायेगी. अगले कुछ दिनों में अभियान शुरू करने की आधिकारिक घोषणा होगी. इसके तहत शहर में […]

ब्रजेश मिश्रा, जमशेदपुर : टाटा स्टील की सहयोगी कंपनी जुस्को ‘जिम्मेदार नागरिक, जिम्मेदार शहर’ मुहिम को नयी रफ्तार देगी. नागरिक सुविधाएं प्रदान करने वाली कंपनी भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखकर जमशेदपुर को ई-कचरा (इलेक्ट्रॉनिक कचरा) मुक्त शहर बनायेगी. अगले कुछ दिनों में अभियान शुरू करने की आधिकारिक घोषणा होगी. इसके तहत शहर में अलग से ई-कचरा संग्रह कराया जायेगा. साथ ही कंपनी इसका प्रबंधन भी करेगी.

दुनिया में सबसे ज्यादा ई-कचरा पैदा करनेवाले शीर्ष पांच देशों में भारत शामिल है. चार अन्य देश हैं चीन, अमेरिका, जापान और जर्मनी. प्रमुख वाणिज्य व उद्योग मंडल एसोचैम और एनइसी की ओर से जारी वर्ष 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में ई-कचरे में सर्वाधिक योगदान महाराष्ट्र (19.8 %) का है.
वह सालाना 47,810 टन ई-कचरे की रिसाइकिल कर दोबारा प्रयोग के लायक बनाता है. तमिलनाडु का 13 प्रतिशत है, वह 52,427 टन कचरे का रिसाइकिल करता है. उत्तर प्रदेश (10.1 प्रतिशत) 86,130 टन का रिसाइकिल करता है. देश के ई-कचरे में पश्चिम बंगाल का 9.8 प्रतिशत, दिल्ली का 9.5 प्रतिशत, कर्नाटक का 8.9 प्रतिशत, गुजरात का 8.8 प्रतिशत और मध्य प्रदेश का 7.6 प्रतिशत योगदान है.
देश में जमा हो रहा है सालाना करीब 20 लाख टन ई-कचरा
विशेषज्ञों के मुताबिक देश में करीब 20 लाख टन सालाना ई-कचरा पैदा होता है. कुल 4,38,085 टन कचरा सालाना रिसाइकिल किया जाता है. ई-कचरे में कंप्यूटर सामग्री, मोबाइल व चार्जर, कॉम्पैक्ट डिस्क, हेडफोन के साथ एलसीडी (लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले) या प्लाज्मा टीवी, एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर शामिल हैं. कचरे की वैश्विक मात्रा 2016 में 4.47 करोड़ टन से बढ़कर 2021 तक 5.52 करोड़ टन तक पहुंचने की संभावना है.
2016 में ई-कचरे का सिर्फ 20 प्रतिशत (89 लाख टन) ही पूर्ण रूप से एकत्र और रिसाइकिल किये गये हैं. बाकी ई-कचरे का रिकॉर्ड नहीं है. देश में समृद्धि के साथ इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की खरीद बढ़ी है. कुल ई-कचरा में कंप्यूटर उपकरण लगभग 70 फीसदी, दूरसंचार उपकरण 12 फीसदी, विद्युत उपकरण 8 फीसदी, चिकित्सा उपकरण 7 फीसदी और बाकी घरेलू समान का योगदान 4 फीसदी हैं.
ई-कचरे से हो सकती हैं कई बीमारियां
ई-कचरे के असुरक्षित रिसाइकिल के दौरान उत्सर्जित रसायनों के संपर्क में आने से तंत्रिका तंत्र, रक्त प्रणाली, गुर्दे, मस्तिष्क, श्वसन व त्वचा प्रभावित हो सकते हैं. गले में सूजन, फेफड़ों का कैंसर, दिल, यकृत को नुकसान पहुंच सकता है. कचरे का 95 फीसदी भाग असंगठित क्षेत्र और स्क्रैप डीलरों द्वारा प्रबंधन किया जाता है. वे रिसाइकिल करने की बजाय उत्पादों को तोड़ कर फेंक देते हैं.
कोट
शहर को ई-कचरा मुक्त बनाने के लिए जुस्को शहर के नागरिकों के साथ मिलकर काम करेगी. यह शहर के नामकरण के 100 वर्ष होने पर हमारी सबसे अहम मुहिम होगी.
सुकन्या, प्रवक्ता, जुस्को

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