वेंकटेश प्रसाद
शनिवार को दो मुकाबलों से प्ले ऑफ की बर्थ तय हो गयी और आइपीएल के 12वें संस्करण के लीग चरण के आखिरी दिन फोकस यह रहेगा कि चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस में से कौन शीर्ष पर रहेगा. अगर मैं पीछे देखता हूं, तो मैं कह सकता हूं कि अब तक यह सीजन शानदार रहा है. कई मुकाबले बेहद करीबी रहे, कई दिल तोड़ने वाली हार देखने को मिली.
कई टीमों को देखकर लगा कि वे प्ले ऑफ में पहुंच सकती हैं, लेकिन यह सिर्फ शुरुआती हवाबाजी ही साबित हुई. किंग्स इलेवन पंजाब भी ऐसी ही एक टीम है. पिछले मैच में शुक्रवार को कोलकाता नाइट राइडर्स ने उन्हें सात विकेट से कुचल दिया. मगर जैसा कि कप्तान अश्विन ने शुक्रवार को कहा था कि उनकी सबसे बड़ी विफलता यह रही कि वे बल्लेबाजी और गेंदबाजी पॉवर प्ले में वे अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाये. दूसरी तरफ चेन्नई और मुंबई की टीमों ने अपने संसाधनों का बेहतरीन इस्तेमाल किया. कप्तान के तौर पर धौनी का कोई जवाब नहीं है, लेकिन पिछले कुछ साल में रोहित शर्मा की सोच भी कप्तान के तौर पर काफी विकसित हुई है.
धौनी ने टीम का नेतृत्व आगे बढ़ कर किया है. चेन्नई ऐसी टीम नहीं है, जो पावर हिटिंग का प्रदर्शन करती है. वह एक अनुभवी टीम है, जिसके हर खिलाड़ी को पता है कि उनसे क्या अपेक्षाएं हैं और वे उसी के मुताबिक खेलते हैं. सबसे अहम चीज जो उनके पक्ष में गयी है कि कप्तान और खिलाड़ियों को एक-दूसरे पर पूरा विश्वास है. बल्लेबाजी में रोहित शर्मा अच्छी शुरुआत नहीं दे सके हैं, लेकिन कप्तान के तौर पर उन्होंने प्रतिभाओं का बेहतर इस्तेमाल किया है.