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प्रभात खबर से विशेष बातचीत : पीएम मोदी ने कहा, मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करना भारत की बड़ी जीत

गुरुवार को प्रधानमंत्री ने 7, लोक कल्याण मार्ग, नयी दिल्ली स्थित अपने आवास पर प्रभात खबर से विशेष बातचीत की. राष्ट्रीय सुरक्षा पर उन्होंने कहा कि इस विषय को राजनीतिक तराजू पर नहीं तौला जा सकता है. इसे वोट बैंक पॉलिटिक्स से बाहर लाना पड़ेगा. मसूद अजहर को यूनाइटेड नेशंस द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किये […]

गुरुवार को प्रधानमंत्री ने 7, लोक कल्याण मार्ग, नयी दिल्ली स्थित अपने आवास पर प्रभात खबर से विशेष बातचीत की. राष्ट्रीय सुरक्षा पर उन्होंने कहा कि इस विषय को राजनीतिक तराजू पर नहीं तौला जा सकता है.
इसे वोट बैंक पॉलिटिक्स से बाहर लाना पड़ेगा. मसूद अजहर को यूनाइटेड नेशंस द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किये जाने पर प्रधानमंत्री ने इसे भारत की बड़ी जीत बतायी है. बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल पर भी उन्होंने बातें कीं. उन्होंने कहा कि देश का भला तब होगा, जब पूर्वी भारत का विकास होगा. पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा और उत्तर-पूर्व के राज्य, इन्हें देश का ग्रोथ इंजन बनना चाहिए.
आशुतोष चतुर्वेदी
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कहा कि हिंदुस्तान का हर नागरिक आतंक और असुरक्षा से तंग आ चुका है. सबकी अपेक्षा है कि सरकार मजबूत होनी चाहिए. मोदी कर सकता है या कोई और कर सकता है- यह मतभेद हो सकता है, लेकिन देश में असुरक्षा अब नहीं रहनी चाहिए, यह अपेक्षा कॉमन मैन की है. इस विषय को आप राजनीतिक तराजू से नहीं तौल सकते. वोट बैंक पॉलिटिक्स से इसे बाहर लाना पड़ेगा. जब तक आप सत्तावादी मानसिकता से सोचते हैं, तब तक आप कभी निर्णय कर ही नहीं सकते.
ऐसी समस्याओं का समाधान सत्तावादी मानसिकता से नहीं हो सकता. ऐसी समस्याओं का समाधान राष्ट्रवादी मानसिकता से ही हो सकता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले पांच सालों में हमारी सरकार ने सत्तावादी मानसिकता को शासन के गलियारों में आने ही नहीं दिया. राष्ट्र का भला करना है, इसी मानसिकता को चुना है. जहां तक बुधवार का निर्णय है, यूनाइटेड नेशंस का, मैं विश्व समुदाय का बहुत ही आभारी हूं कि उन्होंने भारत की बात को समझा, भारत की समस्या को समझा, और दुनिया ने यह माना कि हमारे पड़ोस से आतंकवाद का निर्यात होता है. निर्यात करने वाले लोग कौन हैं, यह भी दुनिया ने इंगित कर दिया है. आज आतंकवाद केवल भारत की समस्या नहीं है.
यह पूरी मानवतावाद के खिलाफ है. जहां मानवतावादी सोच है, आतंकवाद उसके लिए संकट है. पिछले पांच साल में मेरी यही कोशिश रही है कि मानवतावाद में विश्वास रखने वालों को एकजुट होना चाहिए. मुझे खुशी है कि इस मुद्दे पर सब एक हुए हैं. मैं इसे एक अच्छी शुरुआत मानता हूं.आगे भी विश्व समुदाय एक हो कर इस विषय में जहां भी जरूरत होगी, कदम उठायेगा, तभी आतंकवाद को हम परास्त कर पायेंगे.
पाकिस्तान में भी पड़ेगा इसका प्रभाव पाकिस्तान के भीतर भी इसका बहुत बड़ा प्रभाव होगा. एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक के बाद एक बहुत बड़ी चर्चा पाकिस्तान में हुई है कि पाक ऐसे लोगों को क्यों पालता है, हमारा क्या भला होता है?
हमें ऐसी सारी प्रवृतियां, ऐसे सारे लोगों से अपने को डी-लिंक कर देना चाहिए और कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं, तो करनी चाहिए. यह आवाज, विशेषकर सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के बाद उठी है. दुनिया में पाकिस्तान के लोग जाते हैं. उनके पासपोर्ट की इतनी दुर्दशा है. हर पाकिस्तानी महसूस करता है कि इस प्रकार की मानसिकता वाले लोगों को हमने रखा हुआ है, उसी की सजा सामान्य व्यक्ति भुगतता है.
इस तरह पाकिस्तान में भी नीचे से एक बहुत बड़ा प्रेशर पैदा हो रहा है. मसूद अजहर पर बुधवार के यूएन के निर्णय से पाकिस्तान के भीतर इस प्रकार से सोचने वाले लोगों को बहुत ताकत मिलेगी. पाकिस्तान के उज्जवल भविष्य के लिए भी यह एक अच्छा मौका हो सकता है, यदि पाकिस्तान इसको सकारात्मक लेते हुए कदम उठाता है.
यह सीधी-सीधी भारतीय कूटनीति की ही जीत है. आतंकवाद का एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनना, आतंकवाद के विषय पर पाकिस्तान में रहने वाले एक व्यक्ति पर इस प्रकार प्रतिबंध लगना, विश्व समुदाय का सामूहिक रूप से आवाज निकालना, भारत की इससे बड़ी जीत नहीं हो सकती. दुनिया की सभी आतंकवादी प्रवृत्तियों के लिए यह संदेश है, पाकिस्तान के लिए तो विशेष रूपसे है.
झारखंड पर वन संपदा को बना सकते हैं ग्लोबल
झारखंड के लिए सबसे पहली प्राथमिकता है स्किल डेवलपमेंट और कृषि में वैल्यू एडिशन. हमारे पास जो वन संपदा है या वन धन है, उसको हम ग्लोबल बना सकते हैं. हमें उस संपदा को प्रमोट करना चाहिए, उसके वैल्यू पर बल देना चाहिए. इसके अतिरिक्त बुनियादी आवश्यकताएं हैं- सड़क है, पीने का पानी है. अब टैप वाटर की जरूरत है. इसलिए, मैं पानी का मंत्रालय अलग बना रहा हूं.
बिहार पर लालू राज में 15 साल देखा बर्बादी का मंजर
लालू राज मे बिहार को करीब 15 साल बर्बादी का मंजर देखना पड़ा. जो बिहार का भला चाहता है, वह उन दिनों का स्मरण करते ही कांपता है. पुरानी पीढ़ी उसे कभी स्वीकार नहीं करेगी. जो नयी पीढ़ी है, चाहे किसी भी पृष्ठभूमि से हो, इक्कीसवीं सदी का मतदाता है, उसके सपने बहुत बड़े हैं. वह इक्कीसवीं सदी की दुनिया देख रहा है. स्वयं के लिए भी उसके वही सपने हैं.
उन सपनों को एड्रेस करने की ताकत, राजद के गठबंधन में नहीं है. जो बीसवीं सदी की सोच के साथ राजनीति करते हैं, समाज को तोड़ते-मरोड़ते हैं, वे इक्कीसवीं सदी का नेतृत्व नहीं कर सकते. इक्कीसवीं सदी को देश का नौजवान लीड कर रहा है. उसकी भावनाओं को एड्रेस करने वाली सोच चाहिए.
बंगाल पर हमारा मॉडल है विकासपंथी
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने बंगाल की एक रैली में कहा था कि हमने देश में, अलग-अलग प्रकार के मॉडल सरकार में देखे हैं- नामपंथी, वामपंथी, दाम और दमनपंथी. हमारा मॉडल विकासपंथी है.
नामपंथी सरनेम के आधार पर सरकार चलाते हैं और परिवार की ही चिंता करते हैं. इसमें मुख्यतः कांग्रेस ने लीड किया. वामपंथी मॉडल ने त्रिपुरा, बंगाल और केरल को बर्बाद किया. उन्होंने कैडर को ही सरकार बना दिया. हर प्रकार की समाज व्यवस्था को एक ही झंडे के नीचे बांध दिया. दाम और दमनपंथी में ममता जी लीड कर रही हैं.
सिंडिकेट गैंग वसूली कर रहे हैं और दमन हो रहा है.
चौथा मॉडल हम लेकर आये हैं – विकासपंथी. इसमें यही है कि इंपावरमेंट करो, गरीब का भला करो, गरीब को मकान दो, गरीब को शिक्षा दो. आप मूलभूत जरूरतों को ध्यान में रख के काम करो. साथ ही, देश को आगे ले जाने के लिए आप ग्लोबल लेबल के आधारभूत संरचना पर बल दो. एक तरफ कल्याणकारी राज्य, एक तरफ विकासोन्मुख राज्य, दोनों साथ लेकर चलो. हमारे देश की विकास की गाड़ी, एक तरफ आधारभूत संरचना के ग्लोबल बेंचमार्क पर, और दूसरी तरफ गरीबोंके उत्थान, इन दो पटरियों पर चलेगी.
कोलकाता होगा ग्रोथ इंजन, रांची, पटना बनेंगे ताकतवर
भारत का विकास असंतुलित हुआ है. अधिकतर आर्थिक गतिविधियां पश्चिमी भाग में केन्द्रित हैं, जबकि भारत के उत्तम संसाधन पूर्व में हैं. लेकिन, वहां गरीबी है. लोग वहां से रोजगार के लिए पश्चिम में आते हैं. देश का भला तब होगा जब पूर्वी भारत का विकास होगा – पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा और उत्तर-पूर्व के राज्य.
इन्हें देश का ग्रोथ इंजन बनना चाहिए. यदि आप मेरे पांच साल के कार्यकाल को देखें, तो अधिकतम निवेश यहां हुआ है. इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी सर्वाधिक बल यहां दिया गया है. रेल हो, एयरपोर्ट हो, गैस पाइपलाइन हो, ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क हो, पांच साल के भीतर आप देखेंगे कि कोलकाता पूर्वी भारत का ग्रोथ इंजन बन जायेगा. भुबनेश्वर, रांची, पटना, गुवाहाटी ताकतवर बन जायेंगे. पश्चिमी भारत के शहरों के समकक्ष ये भी आ जायेंगे.
यह न्यू इंडिया है घर में घुसेगा भी और मारेगा भी
प्रधानमंत्री ने कहा कि हिंदुस्तान की ओर आंख उठाकर देखने वालों को हम माफ नहीं करेंगे. यह न्यू इंडिया है, भारत उनके घर में घुसेगा भी और मारेगा भी. जनता बहुत समझदार है जी, उसे पता है- कौन देश के लिए जीता-मरता है.

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