नयी दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि पुलवामा आतंकी हमले ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने में भूमिका निभायी है. उसने कहा कि पाकिस्तान को जो बड़ा कूटनीतिक झटका लगा है, उससे ध्यान बंटाने के लिए वह अजहर को प्रतिबंध सूची में डाले जाने पर दावे कर रहा है.
विदेश मंत्रालय ने यह बात तब कही जब पाकिस्तान ने दावा किया कि वह अजहर पर प्रतिबंध के प्रस्ताव पर तभी राजी हुआ है, जबकि पुलवामा हमले के साथ उसे (अजहर को) जोड़ने की कोशिश समेत सभी ‘राजनीतिक संदर्भों’ को इस प्रस्ताव से हटा दिया गया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया जाना किसी खास घटना पर आधारित नहीं है, बल्कि हमने संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध समिति के सदस्यों के साथ विभिन्न आतंकवादी हरकतों से उसके जुड़े होने के बारे में जो सबूत साझा किये, यह उन सबूतों पर आधारित है. उन्होंने कहा कि अधिसूचना में सभी आतंकवादी हरकतें शामिल हैं. जब कुमार से पूछा गया कि भारत ने मसूद अजहर को प्रतिबंध सूची में डलवाने के लिए चीन को कोई पेशकश तो नहीं की, इस पर उन्होंने कहा कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों पर मोल-भाव नहीं करता. उन्होंने कहा, हमारा उद्देश्य मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करवाना था.
प्रवक्ता ने कहा कि पुलवामा आतंकवादी हमले ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने में अहम भूमिका निभायी. उन्होंने यह भी कहा कि मसूद अजहर को प्रतिबंध सूची में डलवाने में चीन के समर्थन से दोनों देशों के संबंधों में बेहतरी आयेगी. संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति ने बुधवार को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया. उससे पहले चीन ने इस प्रस्ताव पर से अपना स्थगन हटा लिया. फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने पुलवामा आतंकवादी हमले के आलोक में अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के लिए नया प्रस्ताव रखा था. पुलवामा में आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे. जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी. हालांकि, चीन ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने पर चौथी बार अड़ंगा लगाया था. भारत ने उसके इस कदम को निराशाजनक करार दिया था. बुधवार को चीन ने इस प्रस्ताव पर से अपना स्थगन हटा लिया.