नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ षड्यंत्र के दावों पर कहा है कि जिस तरीके से इस संस्था से पेश आया जा रहा है, हम उससे नाराज हैं. यदि ऐसा होगा तो हम काम नहीं कर पाएंगे. न्यायालय ने प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ षड्यंत्र संबंधी वकील के दावों पर कहा, इस संस्था को बदनाम करने के लिए एक सोचा समझा हमला किया जा रहा है और सोचा समझा खेल खेला जा रहा है. न्यायालय ने कहा कि चार से पांच प्रतिशत वकील ऐसे हैं जो इस महान संस्था को बदनाम कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने न्यायपालिका पर ‘‘सोच समझकर किये जा रहे हमले’ पर बृहस्पतिवार को नाराजगी जताई और कहा कि अब इस देश के अमीर एवं ताकतवर लोगों को यह बताने का समय आ गया है कि वे ‘‘आग से खेल रहे’ हैं और यहां रुक जाना चाहिए. शीर्ष अदालत एक अधिवक्ता उत्सव सिंह बैंस के उन दावों पर सुनवाई कर रही थी जिसमे प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को यौन उत्पीड़न के आरोपों में फंसाने के लिए एक बड़ा षड्यंत्र रचे जाने की बात कही गयी है.
न्यायालय ने वकील के दावों की सुनवाई करते कहा कि वह अपराह्न दो बजे आदेश देगा. न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि पिछले तीन-चार साल से न्यायपालिका से जिस प्रकार पेश आया जा रहा है, वह उससे बेहद नाराज है. पीठ ने कहा कि वह अपराह्न दो बजे इस मामले में अपना आदेश सुनायेगी. पीठ ने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों से जिस तरीके से इस संस्था से पेश आया जा रहा है, उसे देखकर हमें कहना पड़ेगा कि यदि ऐसा होगा तो हम काम नहीं कर पाएंगे.’
न्यायालय ने कहा, ‘‘इस संस्था को बदनाम करने के लिए एक सोच समझ कर हमला किया जा रहा है और सोच समझ कर यह खेल खेला जा रहा है.’ न्यायालय ने कहा कि मनमाफिक पीठ के समक्ष सुनवाई कराने के आरोप बहुत ही गंभीर है और उनकी जांच की जानी चाहिए.