21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रांची : कोयले के विकल्प के बारे में हमें सोचने की जरूरत है : चेयरमैन

देश में अभी करीब 319 बिलियन टन कोयला रिजर्व है 730 मिलियन टन कोयले का सालाना उत्पादन हो रहा है रांची : कोल इंडिया के चेयरमैन एके झा ने कहा है कि कोयला आज ऊर्जा देने का सबसे बड़ा माध्यम है. हमारे पास कोयले के रिजर्व की कमी भी नहीं है. करीब 100 साल से […]

देश में अभी करीब 319 बिलियन टन कोयला रिजर्व है
730 मिलियन टन कोयले का सालाना उत्पादन हो रहा है
रांची : कोल इंडिया के चेयरमैन एके झा ने कहा है कि कोयला आज ऊर्जा देने का सबसे बड़ा माध्यम है. हमारे पास कोयले के रिजर्व की कमी भी नहीं है. करीब 100 साल से अधिक का कोयला रिजर्व है.
इसके बावजूद हमें इसके विकल्प पर सोचने की जरूरत है. ऐसा पर्यावरण व अन्य कारणों को लेकर है. दूसरे विकसित देश इस दिशा में काफी आगे बढ़ गये हैं.
श्री झा बुधवार को होटल रेडिशन ब्लू में कोल माइन मिथेन (सीएमएम) और कोल बेड मिथेन (सीबीएम) की उपयोगिता पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे. श्री झा ने कहा कि ऊर्जा के बेहतर उपयोग पर ही देश का विकास निर्भर करता है. इसके बिना कोई देश विकसित नहीं हो सकता है.
वर्ष 2000 में 40 फीसदी घरों में बिजली थी. आज 99 फीसदी घरों में बिजली पहुंच गयी है. इस कारण आनेवाले समय में इसकी मांग और बढ़ेगी. इसके लिए सीएमएम और सीबीएम से ऊर्जा तैयार करने पर काम करना होगा. भारत में सीएमपीडीआइ इस दिशा में बेहतर काम कर रहा है.
सीएमएम-सीबीएम को लेकर मजबूत नीति बनी है : कोल इंडिया के निदेशक तकनीकी विनय दयाल ने कहा कि कोल इंडिया में सीएमएम और सीबीएम को लेकर मजबूत नीति बनी है. इससे आनेवाले समय में इस दिशा में तेजी से काम होने की संभावना है.
डीजीएमएस ने इसके लिए करीब 34 कोल ब्लॉक आवंटित किया है. कोयला मंत्रालय के संयुक्त सचिव बीपी पति ने कहा है कि भारत सरकार ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों पर विशेष ध्यान दे रही है. भारत सरकार मानती है कि ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत जरूरी हैं. ऊर्जा के अन्य स्रोतों को विकसित करना हमेशा चुनौती भरा रहा है. कोयले के अतिरिक्त ऊर्जा के अन्य स्रोतों को विकसित करने से पर्यावरण का भी संरक्षण होगा.
कोयला मंत्रालय के सलाहकार आनंदया सिन्हा ने कहा कि देश में अभी करीब 319 बिलियन टन कोयला रिजर्व है. देश में करीब 730 मिलियन टन कोयले का सालाना उत्पादन हो रहा है. भारत दुनिया का दूसरा सबसे अधिक कोयला उत्पादन करने वाला देश है. इसके लिए कोल आधारित ऊर्जा के अन्य स्रोत पर काम करना जरूरी है.
सीएमएम और सीबीएम के और कोल ब्लॉक खोजने की जरूरत है. इस तरह के ऊर्जा के स्रोत सुरक्षित भी होते हैं. इस कार्यशाला में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कोरिया, पोलैंड आदि देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. अतिथियों का स्वागत सीएमपीडीअाइ के सीएमडी शेखर सरन ने किया. कार्यक्रम का संचालन राजीव लोचन ने किया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें