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स्वास्थ्य योजना कार्ड जारी करने लिए पीएचसी में नहीं है थंब इम्प्रेशन मशीन

संजय कुमार पप्पू, छातापुर : आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रखंड क्षेत्र के सभी 23 पंचायतों में करीब 33 हजार लाभार्थी हैं. लेकिन अभी इस योजना का क्रियान्वयन धरातल पर शुरुआती दौर से ही गुजर रहा है. आशा कार्यकर्ता के माध्यम से लाभार्थी के घर तक योजना पत्र पहुंचाने का कार्य चल रहा है, जो […]

संजय कुमार पप्पू, छातापुर : आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रखंड क्षेत्र के सभी 23 पंचायतों में करीब 33 हजार लाभार्थी हैं. लेकिन अभी इस योजना का क्रियान्वयन धरातल पर शुरुआती दौर से ही गुजर रहा है. आशा कार्यकर्ता के माध्यम से लाभार्थी के घर तक योजना पत्र पहुंचाने का कार्य चल रहा है, जो काफी धीमी रफ्तार में है. गौरतलब है कि राष्ट्रीय जन आरोग्य के इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत अगस्त 2018 में की गयी थी.

पीएचसी छातापुर की मानें तो अभी तक मात्र 50 प्रतिशत लाभार्थियों तक ही योजना पत्र पहुंचाये जा सके हैं. लेकिन अभी तक कितने लाभार्थियों का योजना कार्ड बन गया, इसका कोई भी आंकड़ा पीएचसी के पास मौजूद नहीं है. पीएचसी के अनुसार प्रत्येक लाभार्थी योजना लाभ लेने के लिए संबंधित वसुधा केंद्र या पीएचसी में पहुंचकर योजना कार्ड बनवायेंगे.
कार्ड बनाने के लिए योजना पत्र के अलावे दो फोटो एवं आधार कार्ड की कॉपी जमा करना होगा. जिसके बाद योजना के बेवसाइट पर लाभार्थी कोड डालकर योजना कार्ड जारी कर दिया जायेगा. फिर उक्त योजना कार्ड के सहयोग से देश भर में कहीं भी पांच लाख रुपये तक का चिकित्सा लाभ लिया जा सकता है.
पीएचसी प्रबंधन की मानें तो आयुष्मान भारत योजना का क्रियान्वयन अभी सरजमीन पर शुरुआती दौर से गुजर रहा है.
योजना कार्ड जारी करने के लिए थंब इंप्रेशन मशीन की जरूरत है. लेकिन अभी तक वह मशीन उपलब्ध नहीं कराया जा सका है. जिस कारण लाभार्थी को कार्ड बनाने में परेशानी हो रही है.
पीएचसी के द्वारा बड़ी मुश्किल से अभी तक करीब 10 लाभुक प्रसुताओं को नॉर्मल डिलेवरी के लिए इस योजना के तहत नौ-नौ हजार रुपये का चिकित्सा सुविधा पैक दिया गया. देय चिकित्सा सुविधा का खर्च तत्काल रोगी कल्याण समिति उठाती है.
जिसके बाद पैक के तहत निर्धारित राशि का भुगतान सरकार के द्वारा रोगी कल्याण समिति के खाते में किया जाता है. बताया कि नॉर्मल डिलेवरी योजना के सभी 10 पैक का भुगतान हेतु जनवरी 2019 में ही पीएचसी ने स्वीकृति के लिए अग्रसारित किया था. लेकिन अभी तक उसका भुगतान लंबित है.
आयुष्मान भारत योजना के शुभारंभ के नौ माह बाद भी योजना का क्रियान्वयन की रफ्तार धीमी
संसाधन व कर्मियों के अभाव में मरीजों के लिए योजना बन सकता है मखौल
समुचित संसाधन व कर्मियों के अभाव से जूझ रहे पीएचसी छातापुर में आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी खुद को ठगा महसूस कर रहा है.
वह इसलिए कि सरकार ने योजना के तहत बहुत से ऐसे नार्मल सर्जरी या अन्य कई चिकित्सा लाभ देने की जिम्मेवारी पीएचसी को दिया है. लेकिन ऐसे चिकित्साओं का लाभ देने के लिए पीएचसी सक्षम नहीं है. पीएचसी में शल्य चिकित्सा कक्ष नहीं है.
महिला चिकित्सक व कर्मियों की भारी कमी है. यहां तक की स्थल पर शौचालय व पेयजल की स्थाई समस्या विभाग को मुंह चिढ़ाता दिख रहा है. पीएचसी पहुंचने वाले रोगियों के अनुपात में बेड तक उपलब्ध नहीं है. व्यवस्था पर गौर करें तो काम चलाउ नीति पर पीएचसी प्रबंधन चिकित्सा सुविधा का लाभ प्रदान कर रहा है.
हालांकि संसाधन व कर्मियों की कमी को लेकर पीएचसी द्वारा कई बार विभाग से पत्राचार किया गया. डेढ़ वर्ष पूर्व विभागीय आदेश पर पीएचसी को सीएचसी में अपग्रेड करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर विभाग को भेजा गया था. लेकिन अभी तक वह फाइल भी जिला प्रशासन के यहां लंबित है.
कहते हैं अधिकारी
पीएचसी के बीएचएम नौमान अहमद ने बताया कि योजना कार्ड के आधार पर कोई भी लाभार्थी करीब 13 सौ प्रकार के रोगों का इलाज करा सकेंगे. योजना के तहत लाभुक प्रत्येक वर्ष पांच लाख रुपये तक का चिकित्सा सुविधा ले सकता है. लाभ लेने की प्रक्रिया पीएचसी से शुरू होकर देश के चिकित्सा महाविद्यालयों एवं रिसर्च सेंटरों तक जायेगी.
हालांकि सरकार ने अभी मेट्रो सिटी में अवस्थित निजी चिकित्सा संस्थानों को ही चिकित्सा सुविधा देने के लिए चयनित किया है. बाद के दिनों में राज्य के कई बड़े निजी अस्पतालों को भी इससे जोड़ने की योजना है. ताकि जरुरतमंद मरीजों को इस योजना का समुचित लाभ मिल सके.

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