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भाजपा में साध्वी प्रज्ञा, भोपाल में दिग्विजय सिंह को देंगी टक्कर, इधर ‘ताई’ के बाद ‘भाई’ ने भी किया चुनाव लड़ने से इन्कार

मप्र की चार लोकसभा सीटों पर भाजपा ने किया प्रत्याशियों के नाम का एलान भोपाल : भाजपा ने मध्य प्रदेश की चार लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया है. भोपाल सीट से कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह के खिलाफ साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को उम्मीदवार घोषित किया गया है. भोपाल लोकसभा सीट […]

मप्र की चार लोकसभा सीटों पर भाजपा ने किया प्रत्याशियों के नाम का एलान
भोपाल : भाजपा ने मध्य प्रदेश की चार लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया है. भोपाल सीट से कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह के खिलाफ साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को उम्मीदवार घोषित किया गया है. भोपाल लोकसभा सीट पर 12 मई को मतदान होना है. भाजपा की विज्ञप्ति के अनुसार पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भोपाल लोकसभा सीट से दल का उम्मीदवार घोषित किया है.
संघ परिवार का लगातार विरोध करने के कारण भाजपा दिग्विजय के खिलाफ भोपाल से किसी कट्टर हिंदू छवि वाले नेता को चुनाव मैदान में उतारना चाहती थी. इस कारण साध्वी उमा भारती और प्रज्ञा सिंह को चुनावी मैदान में उतारने के लिए कुछ समय से मंथन चल रहा था.
भाजपा सूत्रों के अनुसार उमा भारती पहले ही चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर चुकी थीं. इसलिए साध्वी प्रज्ञा सिंह का नाम अंतिम दौड़ में आगे रहा. वर्ष 2008 में मालेगांव बम विस्फोट मामले में प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ यूएपीए एक्ट के तहत मामला अदालत में विचाराधीन है. उमा भारती वर्ष 1999 में भोपाल लोकसभा सीट से भारी मतों से जीती थीं.
पहली बार चुनावी मैदान में साध्वी
साध्वी प्रज्ञा व दिग्विजय सिंह को एक दूसरे का धूर विरोधी माना जाता है. दिग्विजय कांग्रेस के उन नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने ‘भगवा आतंकवाद’ के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था. शायद यही वजह है कि साध्वी प्रज्ञा चुनावी बिसात पर दिग्विजय सिंह को चुनौती देना चाहती हैं.
16 साल बाद चुनाव लड़ेंगे दिग्विजय
साध्वी प्रज्ञा व दिग्विजय का मुकाबला इसलिए भी दिलचस्प है, क्योंकि दिग्विजय 16 साल बाद चुनाव लड़ने जा रहे हैं. 1993 से 2003 तक लगातार 10 सालों तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह 2003 के बाद से अबतक किसी भी लोकसभा या विधानसभा चुनाव में नहीं लड़े हैं.
मैं साध्वी प्रज्ञा जी का भोपाल में स्वागत करता हूं. आशा करता हूं कि इस रमणीय शहर का शांत, शिक्षित और सभ्य वातावरण आपको पसंद आयेगा. मैं मां नर्मदा से साध्वी जी के लिए प्रार्थना करता हूं और नर्मदा जी से आशीर्वाद मांगता हूं कि हम सब सत्य, अहिंसा और धर्म की राह पर चल सकें. नर्मदे हर.
दिग्विजय सिंह
2008 में चर्चा में आयीं प्रज्ञा ठाकुर
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पहली बार तब चर्चा में आयीं, जब 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में उन्हें गिरफ्तार किया गया. वह नौ सालों तक जेल में रहीं और फिलहाल जमानत पर बाहर हैं. जमानत पर बाहर आने के बाद उन्होंने कहा था कि उन्हें लगातार 23 दिनों तक यातना दी गयी थी. साध्वी प्रज्ञा आरएसएस प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड में भी आरोपी थीं, लेकिन कोर्ट ने उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया है.
‘ताई’ के बाद ‘भाई’ ने भी किया चुनाव लड़ने से इन्कार
इंदौर. मध्यप्रदेश के इंदौर लोकसभा क्षेत्र से टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बुधवार सुबह चौंकाने वाली घोषणा की कि वह आम चुनाव नहीं लड़ेंगे.
विजयवर्गीय ने ट्विटर पर कहा, इंदौर की जनता, कार्यकर्ताओं व देश भर के शुभचिंतकों की इच्छा है कि मैं लोकसभा चुनाव लड़ूं, पर हम सभी की प्राथमिकता पुनः प्रधानमंत्री बनाना है. स्थानीय लोगों में ‘भाई’ के नाम से मशहूर विजयवर्गीय ने इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में पंकज संघवी का नाम घोषित होने के 12 घंटे बाद खुद को टिकट की दावेदारी से अलग किया. इस पर कांग्रेस ने निशाना साधा है. प्रदेश कांग्रेस समिति के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा, ताई (सुमित्रा महाजन का लोकप्रिय उपनाम) की तरह भाई (विजयवर्गीय) ने भी टिकट नहीं मिलता देख कह दिया कि मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता हूं.
दिग्विजय सिंह ने हमारे सनातन धर्म और भगवा को अपमानित किया है. मैं भगवा को सम्मान दिला कर रहूंगी. उन्होंने कानून का दुरुपयोग किया है और संवैधानिक नियम तोड़े हैं. स्त्री को अपमानित भी किया है. मुझे गैर कानूनी तरीके से प्रताड़ित भी किया है.
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर

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