चेंबर अध्यक्ष आनंद शंकर ने लिखा था झारखंड चेंबर आॅफ काॅमर्स के अध्यक्ष को पत्र
मेदिनीनगर : अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मंत्रिमंडल (निर्वाचन) विभाग व पलामू जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त डॉ शांतनु कुमार अग्रहरि के आदेश के आलोक में एसडीओ नंदकिशोर गुप्ता के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोप की जांच शुरू कर दी गयी है.
जांच पदाधिकारी पलामू के अपर समाहर्ता सह आदर्श आचार संहिता कोषांग के वरीय पदाधिकारी प्रदीप प्रसाद ने इस मामले में पलामू चेंबर काॅमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष आनंद शंकर को पत्र भेज कर जांच में सहयोग करने का आग्रह किया था. इस मामले में चेंबर का बयान बुधवार को दर्ज किया जायेगा. अखबार में खबर छपने के बाद इस मामले में फेडरेशन आॅफ झारखंड चेंबर आॅफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने चुनाव आयोग, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव व पलामू उपायुक्त से एसडीओ श्री गुप्ता की शिकायत की थी.
विभागीय सूत्रों के अनुसार निर्वाचन आयोग द्वारा इस मामले की जांच का जो आदेश भेजा है, उसमें अखबार के कतरन के साथ-साथ इस मामले को लेकर पलामू चेंबर आॅफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष आनंद शंकर का वह पत्र भी संलग्न किया गया है. इसके आधार पर इस मामले को लेकर फेडरेशन आॅफ झारखंड चेंबर आॅफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष दीपक मारू ने एसडीओ श्री गुप्ता के खिलाफ शिकायत की थी.
पलामू चेंबर आॅफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष का पत्र : इस मामले को लेकर पलामू चेंबर आॅफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष आनंद शंकर ने झारखंड फेडरेशन चेंबर आॅफ काॅमर्स के अध्यक्ष दीपक मारू को पत्र लिखा था. इससे पूर्व सूदना के व्यवसायी अमृतेश्वर सिंह ने चेंबर अध्यक्ष आनंद शंकर को लिखित आवेदन देकर एसडीओ के खिलाफ शिकायत की थी.
इसके बाद चेंबर अध्यक्ष ने इस मामले को लेकर झारखंड चेंबर को पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया कि मेदिनीनगर सदर एसडीओ की कार्यशैली से व्यवसायी वर्ग के लोग परेशान चल रहे है. व्यवसायियों को कार्रवाई के नाम पर डरा कर उनका भयादोहन किया जा रहा है. पांच अप्रैल को प्रभात खबर में छपी खबर का जिक्र करते हुए श्री शंकर ने लिखा है कि आॅडियो भी वायरल हुआ है. एसडीओ श्री गुप्ता के इस तरह की कार्यशैली से मेदिनीनगर के व्यवसायी काफी डरे-सहमे है.
जब से श्री गुप्ता की पदस्थापना मेदिनीनगर एसडीओ के पद पर हुई है, तब से व्यवसायियों से राशि ऐंठने का आरोप एसडीओ पर लग रहा है. अमृतेश्वर के अलावा कई व्यवसायियों ने व्यक्तिगत रूप से मुझसे मिल कर अपनी पीड़ा बतायी है. पत्र में श्री शंकर ने कहा है कि हाल के दिनों में जब पलामू में विधि-व्यवस्था के स्थिति में सुधार हुआ है.
विभिन्न आपराधिक गिरोह के आतंक से मेदिनीनगर के व्यवसायियों ने राहत की सांस ली है. व्यवसाय का बेहतर माहौल तैयार हो रहा है. सरकार के सुशासन के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है. वैसे दौर में एसडीओ श्री गुप्ता की कार्यशैली से मेदिनीनगर में व्यवसायियों के बीच एक नयी समस्या पैदा हो गयी है. इससे न सिर्फ व्यवसायी वर्ग के लोग परेशान है, बल्कि सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है. मामले की जांच कर कार्रवाई होने से लोगों का भरोसा शासन प्रशासन के प्रति बढ़ेगा.
चेंबर अध्यक्ष श्री शंकर ने पत्र में लिखा है कि कई व्यवसायियों ने उनसे मिल कर कहा है कि एसडीओ श्री गुप्ता का धमकाने व डराने का जो तरीका है, वह व्यवसायियों के मन में भय पैदा करता है. इसलिए व्यवसायियों के हित में झारखंड चेंबर को पहल करनी चाहिए, ताकि मेदिनीनगर के व्यवसायी भयमुक्त होकर व्यवसाय कर सके. बताया जाता है कि पलामू चेंबर अध्यक्ष श्री शंकर के इस पत्र के आलोक में झारखंड चेंबर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीओ की शिकायत आयोग, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव से की थी. इसके आधार पर मामले की जांच शुरू हो गयी है.
जांच में चेंबर ने रखा पक्ष : इस मामले को लेकर अपर समाहर्ता प्रदीप प्रसाद ने चेंबर अध्यक्ष आनंद शंकर को पत्र लिखा है. अपर समाहर्ता द्वारा जारी पत्र में लिखा गया है कि सदर अनुमंडल पदाधिकारी नंदकिशोर गुप्ता के विरुद्ध चेंबर द्वारा कतिपय आरोप लगाये गये है. इसकी जांच चल रही है. अत: अनुरोध है कि जांच पदाधिकारी के कार्यालय में 17 अप्रैल को उपस्थित होकर वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए जांच में सहयोग करने का कष्ट किया जाये. इस पत्र के आलोक में चेंबर ने भी लिखित रूप से अपना पक्ष रखा है.
इसमें अध्यक्ष श्री शंकर द्वारा कहा गया जहां तक एसडीओ श्री गुप्ता पर लगे कतिपय आरोप का प्रश्न है, तो वायरल आॅडियो इसका पर्याप्त साक्ष्य है. जिस पर गौर करने से पता चलता है कि व्यवसायियों को कार्रवाई का भय दिखा कर उनसे पैसे वसूले जा रहे है. चूंकि व्यवसायियों को अपना व्यवसाय चलाना होता है. इसलिए अधिकतर व्यवसायी ऐसे मामलों में चुप रह कर सबकुछ बर्दाश्त कर लेते है.
चेंबर अध्यक्ष होने के नाते कई व्यवसायियों ने मिल कर मुझसे अपनी पीड़ा बतायी है. जहां तक मुझे जानकारी है कि एसडीओ श्री गुप्ता की कार्यशैली से त्रस्त कई व्यवसायियों ने जिले के वरीय पदाधिकारियों के समक्ष भी शिकायत दर्ज करा चुके है. इसके बाद व्यवसायियों को राहत मिली है. लेकिन सभी व्यवसायी इस स्थिति में नहीं रहते कि वे वरीय पदाधिकारी के पास जाये या फिर आॅडियो वायरल करें. इसलिए यह जरूरी है कि इस पूरे मामले की गहनता के साथ जांच हो.