बेंगलुरु : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को तुमकुर में बड़ा रोडशो किया जहां उनकी पार्टी के प्रत्याशी जदएस सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के खिलाफ मैदान में हैं.
रोडशो से पहले शाह ने सिद्धगंगा मठ का दौरा किया जो कर्नाटक में लिंगायतों का प्रमुख मठ है. उन्होंने संत शिवकुमार स्वामी को श्रद्धांजलि अर्पित की जिनका इस वर्ष जनवरी में 111 वर्ष की उम्र में देहावसान हो गया था. तुमकुर की गलियों में करीब 40 मिनट के रोडशो के दौरान हजारों भाजपा कार्यकर्ताओं ने मोदी, मोदी के नारे लगाकर शाह का स्वागत किया. शाह ने चुनाव प्रचार के अंतिम दिन भाजपा उम्मीदवार जी एस बासवराज के लिए वोट मांगा. यहां दूसरे चरण में बृहस्पतिवार को चुनाव होने वाला है. कर्नाटक में शेष 14 लोकसभा सीटों पर 23 अप्रैल को चुनाव होंगे. पूरे मार्ग पर बड़ी संख्या में लोगों ने शाह पर पुष्प वर्षा की.
दावनगेरे में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बताने को लेकर विपक्षी महागठबंधन पर निशाना साधते हुए भाजपा अध्यक्ष ने सवाल किया कि यदि वे सत्ता में आते हैं तो एक नेता के बिना देश चलाने की उम्मीद कैसे करते हैं. उन्होंने कहा कि यदि नरेंद्र मोदी फिर प्रधानमंत्री बने तो देश आतंकवादी हमलों से सुरक्षित रहेगा. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या कांग्रेस और जदएस का महामिलावट देश को सुरक्षित रख सकता है? क्या वे आतंकवाद एवं पाकिस्तान को करारा जवाब दे सकते हैं? क्या वे इस देश को सुरक्षित रख सकते हैं? उन्होंने कहा, देश को सुरक्षित रखने के लिए भाजपा को सत्ता में आना होगा और नरेंद्र मोदी को एक बार फिर प्रधानमंत्री बनाना होगा.
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पिछले चार महीने में उन्होंने देशभर की व्यापक यात्रा की है और उन्होंने बस ‘मोदी, मोदी’ के नारे सुने. उन्होंने कहा कि पार्टी ने मोदी को फिर प्रधानमंत्री बनाकर देश को मजबूत करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि मैं राहुल गांधीसेपूछना चाहता हूं कि उनका प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन है. शाह ने कहा, यदि उनके महामिलावट गठबंधन की सरकार बन जाती है तो मायावती सोमवार को, अखिलेश यादव मंगलवार को, देवेगौड़ा बुधवार को, चंद्रबाबू नायडू बृहस्पतिवार को, शरद पवार शुक्रवार को और ममता दीदी शनिवार को प्रधानमंत्री बनेंगी तथा रविवार को देश छुट्टी पर होगा. शाह भाजपा उम्मीदवार एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री जीएम सिद्धेश्वर के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए यहां थे.