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रांची : निजी प्रैक्टिस करनेवाले डॉक्टरों पर कमेटी बनाकर की जायेगी कार्रवाई

स्वास्थ्य विभाग द्वारा निजी प्रैक्टिस करनेवालों की सूची देने के बाद निदेशक सख्त रांची : स्वास्थ्य विभाग की ओर रिम्स के डॉक्टरों द्वारा निजी प्रैक्टिस की जानकारी भेजने के बाद से रिम्स प्रबंधन भी सख्त हो गया है. रिम्स प्रबंधन ने यह फैसला लिया है कि अब निजी प्रैक्टिस करनेवालों की धरपकड़ के लिए कमेटी […]

स्वास्थ्य विभाग द्वारा निजी प्रैक्टिस करनेवालों की सूची देने के बाद निदेशक सख्त

रांची : स्वास्थ्य विभाग की ओर रिम्स के डॉक्टरों द्वारा निजी प्रैक्टिस की जानकारी भेजने के बाद से रिम्स प्रबंधन भी सख्त हो गया है. रिम्स प्रबंधन ने यह फैसला लिया है कि अब निजी प्रैक्टिस करनेवालों की धरपकड़ के लिए कमेटी बनायी जायेगी. कमेटी छानबीन करेगी. इसमें प्रशासन का भी सहयोग लिया जायेगा. छापेमारी करते समय अगर कोई डॉक्टर निजी प्रैक्टिस करते पकड़ा गया, तो मौके पर ही उसपर कार्रवाई की जायेगी. इसके लिए कमेटी को अधिकार दिया जायेगा.

औचक छापेमारी से पहले वैसे डॉक्टरों की सूची बनायी जायेगी, जो निजी प्रैक्टिस में संलिप्त हैं. निगरानी व छापेमारी कमेटी का शीघ्र गठन किया जायेगा. इसमें अधीक्षक या उपाधीक्षक को भी शामिल किया जा सकता है. कमेटी अपने स्तर से छापेमारी कर रिपोर्ट तैयार करेगी. बुधवार को निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह ने अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप व उपाधीक्षक डॉ संजय कुमार के साथ इस संबंध में बैठक की.
चिह्नित डॉक्टरों से लिया जायेगा माफीनामा
रिम्स निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह बुधवार को छुट्टी के बाद रिम्स पहुंचे. उन्होंने विभाग द्वारा भेजी गयी सूची मंगा कर काफी देर तक मंथन किया. इसके बाद सूची में शामिल डॉक्टराें को बुलाने का आदेश जारी किया. सूत्रों की मानें तो गुरुवार को रिम्स निदेशक सादे कागज पर चिह्नित डॉक्टरों से स्वीकारोक्ति के साथ माफीनामा लिखवाएंगे‍. इसके बाद एक मौका दिया जायेगा. अगर वे स्वीकार नहीं करते हैं, ताे विभागीय जांच के लिए फाइल आगे बढ़ा दी जायेगी.
डॉक्टरों ने वीआरएस का आवेदन दिया, तो स्वीकार करने पर विचार करेगा प्रबंधन
रांची : रिम्स टीचर व डॉक्टर्स एसोसिएशन ने बीते दिनों बैठक कर आरोप लगाया था कि रिम्स प्रबंधन उन्हें बेवजह तंग कर रहा है.एसोसिएशन के सदस्यों ने रिम्स निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह पर तुगलकी फरमान जारी करने का आरोप लगाते हुए सामूहिक वीआरएस की धमकी दी थी. इस पर रिम्स निदेशक ने स्पष्ट कर दिया है कि सामूहिक वीआरएस का कोई प्रावधान नहीं है. डॉक्टरों के पास संवैधानिक व व्यक्तिगत अधिकार है कि वह वीआरएस के लिए आवेदन कर सकते हैं.
अगर वे वीआरएस के लिए आवेदन करते हैं, तो रिम्स प्रबंधन उसे स्वीकारने पर विचार कर सकता है.निदेशक ने स्पष्ट कर दिया है कि रिम्स से नियुक्त डॉक्टरों का वीआरएस स्वीकार करने का अधिकार प्रबंधन के पास है. अगर वह सरकार द्वारा नियुक्त किये गये हैं, तो उनके वीआरएस के आवेदन को सरकार के पास अनुशंसा कर भेज दिया जायेगा. हम रिम्स की व्यवस्था को सुधारने के प्रयास में लगे हैं. डॉक्टर ज्यादा से ज्यादा समय रिम्स को देंगे, तो राज्य के मरीजों को भला होगा. हमारे द्वारा नियम का पालन कराने को डॉक्टर तुगलकी फरमान मानते हैं, तो यह समझ से परे है.
गौरतलब है कि निदेशक द्वारा सुबह नौ बजे से शाम पांच तक रिम्स में सेवा देने का निर्देश जारी किया गया था. इसमें दोपहर का खाना रिम्स में ही खाना खाने को कहा था. डॉक्टरों ने बैठक कर नियमावली का हवाला दिया गया था कि कार्य का बंटवारा किया गया है. पहली पाली सुबह नौ से एक तक व दोपहर की पाली तीन से पांच निर्धारित है.
रिम्स में दो मरीजों के काॅर्निया का ट्रांसप्लांट
सरकार व विभाग ने निजी प्रैक्टिस करनेवालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश दिया है. सूची भेज दी जा रही है. हमारे स्तर से डॉक्टराें से कई बार आग्रह किया गया है, इसके बावजूद निजी प्रैक्टिस पर लगाम नहीं लग रहा है. अब कमेटी बनायी जायेगी और स्थल पर ही कार्रवाई की जायेगी.
डॉ दिनेश कुमार सिंह, निदेशक रिम्स

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