पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आज ट्वीट कर कहा है कि राजदसुप्रीमो लालू प्रसाद को पारदर्शी कानूनी प्रक्रिया के बाद चारा घोटाले के चार मामलों में 27 साल से ज्यादा की सजा सुनायी गयी, लेकिन वे अपना गुनाह कुबूल करने के बजाय फंसाये जाने का आरोप लगाते रहे. अगर उन्हें फंसाया गया था तो सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत अर्जी खारिज क्यों हो गयी.
उपमुख्यमंत्रीसुशील मोदी ने आगे कहा, लालू प्रसाद के खिलाफ चारा घोटाले के दो और मामलों में फैसला होना बाकी है. वे चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो चुके हैं, लेकिन जेल में उनकी राजनीतिक मुलाकातें जारी हैं. निचली अदालतें पहले ही उन्हें जमानत पर छोड़ने से इन्कार कर चुकी थीं. सुशील मोदी ने कहा, सुप्रीम कोर्ट का फैसला उन लोगों पर करारा तमाचा है, जो सहानुभूति पाने के लिए लालू प्रसाद को फंसाने का मनगढ़ंत आरोप लगा रहे थे.
सुशील मोदी ने ट्वीट में साथ ही लिखा है, राजद प्रमुख लालू प्रसाद के अलावा तिहरे हत्याकांड में सजायाफ्ता पूर्व सांसद शहाबुद्दीन, अलकतरा घोटाला में सजायाफ्ता पूर्व मंत्री इलियास हुसेन और नाबालिग से बलात्कार के मामले में सजायाफ्ता पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव जेल में हैं. जब इन चारों के परिजन पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, तब जाहिर है कि हत्या, बलात्कार और घोटालों को किसका संरक्षण मिलता है.