पटना : मंगलवार को सुबह पांच से 10 बजे के बीच पीएमसीएच में छह मरीजों की मौत हो गयी. वहीं, 30 फीसदी मरीजों ने बेड खाली कर दिया. साथ ही 13 ऑपरेशन भी टले.
इधर, रविवार, सोमवार और मंगलवार को 18 मरीजों को इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था. इसमें तीन मरीजों को आइसीयू में भर्ती किया गया था. जबकि शेष का इमरजेंसी में उपचार चल रहा था. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि गंभीर मरीजों की मौत सामान्य है.
वहीं, एनएमसीएच में एक और डीएमसीएच में दो मरीजों की मौत हो गयी. इसके अलावा पीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में 14 वेंटिलेटर हैं. लेकिन हड़ताल की वजह से सात वेंटिलेटर मशीनों पर ही मरीज भर्ती थे. कर्मचारियों की मानें, तो सातों मरीजों को परिजन दूसरे अस्पताल ले गये. जूनियर डॉक्टरों के काम पर नहीं आने से कई मरीजों को ओपीडी में काफी इंतजार करना पड़ा.
सिविल सर्जन की ओर से पहुंचे 40 डॉक्टर भी पड़ गये कम : पीएमसीएच में हड़ताल का असर मंगलवार को देखने को मिला. 30% मरीज इमरजेंसी व राजेंद्र सर्जिकल ब्लॉक से बेड छोड़ दूसरे अस्पताल में शिफ्ट हो गये, जबकि 13 बड़े ऑपरेशन टालने पड़े. दूसरे दिन भी पीजी व एमबीबीएस की क्लास स्थगित कर दी गयी थी.
रात भर कराहते रहे मरीज
वार्ड में भर्ती मरीज के परिजनों
का आरोप है कि रात को सीनियर डॉक्टर राउंड लगाने नहीं आये. नतीजा कई मरीज दर्द से कराहते रहे. हड़ताल की आड़ में नर्सों की भी चांदी देखने को मिली. राजेंद्र सर्जिकल ब्लॉक व टाटा वार्ड में परिजनों ने आरोप लगाया कि इंजेक्शन लगाने के लिए एक वार्ड से दूसरे वार्ड में चक्कर लगाना पड़ा.
क्या कहते हैं जिम्मेदार
पीएमसीएच में 13 ऑपरेशनों को टालना पड़ा. कुल 29 ऑपरेशन किये गये. हालांकि छह मरीजों की मौत भी हुई है. जिन मरीजों की गंभीर स्थिति थी, उनकी मौत हुई है. हड़ताल खत्म करने के लिए लगातार जूनियर डॉक्टरों से बातचीत की जा रही है. इसके अलावा सभी वार्डों में अतिरिक्त सीनियर डॉक्टर की ड्यूटी लगायी गयी है.
डॉ राजीव रंजन प्रसाद, अधीक्षक, पीएमसीएच
बिहार कोटे में पटना एम्स के छात्रों के प्रवेश के नियम में जब तक बदलाव नहीं किया गया तब तक हड़ताल जारी रहेगा. इतना ही नहीं अगर बीसीइीसी के जिम्मेदार अधिकारी चाहे तो वह नियम में तुरंत बदलाव कर लिखित में अधिसूचना जारी कर सकते हैं. लेकिन हमारी मांग पर विचार नहीं किया जा रहा है. ऐसे में हड़ताल जारी रहेगी.
डॉ शंकर भारती,
अध्यक्ष, पीएमसीएच, जेडीए
मरीजों व परिजनों का फूटा गुस्सा, सड़क जाम, हंगामा
पटना सिटी. एनएमसीएच में उपचार कराने पहुंचे मरीजों व परिजनों का गुस्सा मंगलवार को फूट पड़ा. आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल के मुख्य गेट को बंद कर अगमकुआं मीना बाजार जल्ला रोड को जाम कर विरोध प्रदर्शन आरंभ कर दिया. सड़क जाम किये मरीज के परिजनों ने इस दरम्यान डॉक्टर के एक कार पर भी पथराव किया. लोगों ने अधीक्षक को घेरा और उनके वाहन को अस्पताल से बाहर निकलने नहीं दिया.
भर्ती मरीज की मौत
पटना सिटी. एनएमसीएच के इमरजेंसी में चार अप्रैल से डॉ एसके सिन्हा की यूनिट में भर्ती 70 वर्षीय वृद्ध मरीज की मौत मंगलवार की सुबह हो गयी. परिजनों ने बताया कि बाहरी बेगमपुर मोहल्ला निवासी प्रेमन बिंद की तबीयत खराब थी. अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि मौत बीमारी की वजह से हुई है.
डीएमसीएच : दो की मौत
दरभंगा : डीएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को दो मरीजों की मौत हो गयी. वहीं, विभिन्न वार्डों से मरीजों का पलायन शुरू हो गया है. उधर, डीएमसी के प्राचार्य व अधीक्षक छुट्टी पर चले गये हैं. जूनियर डॉक्टरों ने अस्पताल के सेंट्रल व आपातकालीन विभाग में काम को ठप कर रखा. विभागों के मेन गेट पर ताला लटक रहा है.
सोमवार को अस्पताल के वार्डों में 741 मरीज भर्ती थे. मंगलवार को मरीजों की संख्या कम हो गयी. विभिन्न वार्डों में केवल 695 मरीज ही शेष रह गये. इलाज नहीं होने के कारण 95 मरीजों को परिजनों ने डिस्चार्ज करवा लिया.