13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कमलनाथ के सहयोगियों व अन्य के ठिकानों पर छापेमारी में 281 करोड़ बरामद, EC से मिले CBDT चेयरमैन

नयी दिल्ली /भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी सहयोगियों व अन्य के खिलाफ हुई आयकर विभाग की छापेमारी में 281 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी के विस्तृत व सुसंगठित रैकेट का पता चला है. आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और राजस्व खुफिया निदेशालय वित्तीय अपराधों से निपटने को लेकर राजस्व विभाग की कार्यकारी […]

नयी दिल्ली /भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी सहयोगियों व अन्य के खिलाफ हुई आयकर विभाग की छापेमारी में 281 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी के विस्तृत व सुसंगठित रैकेट का पता चला है. आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और राजस्व खुफिया निदेशालय वित्तीय अपराधों से निपटने को लेकर राजस्व विभाग की कार्यकारी इकाइयां हैं. वित्त मंत्रालय के अधीन आनेवाली एजेंसियों ने हाल के दिनों में 55 छापे मारे हैं.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के मुताबिक, नकदी का बड़ा हिस्सा दिल्ली में एक राजनीतिक दल के मुख्यालय तक भेजा जाना था. इस बीच सीबीडीटी के चेयरमैन और राजस्व सचिव ने मंगलवार को चुनाव आयोग से मुलाकात कर इस कार्रवाई की जानकारी दी. वहीं, सीएम कमलनाथ ने कहा कि राजनीतिक दृष्टि से जो करने का प्रयास किया जा रहा है, उसमें कोई सफल होनेवाला नहीं है. छापेमारी को लेकर प्रवीण कक्कड़ के वकील ने हाइकोर्ट में अर्जी लगायी है. इस पर 11 अप्रैल को सुनवाई होगी.

इससे पहले आयकर विभाग ने कहा कि इस कार्रवाई में 14.6 करोड़ रुपये की ‘बेहिसाबी’ नकदी जब्त हुई. साथ ही, मध्यप्रदेश व दिल्ली के बीच हुए संदिग्ध भुगतान से जुड़ी डायरी व कंप्यूटर फाइल कब्जे में ली गयी. सीबीडीटी का दावा है कि 20 करोड़ रुपये की संदिग्ध नकदी के तुगलक रोड में रहनेवाले महत्वपूर्ण व्यक्ति के घर से एक राजनीतिक दल के मुख्यालय तक भेजे जाने के सुराग भी मिले हैं. सीबीडीटी ही आयकर विभाग के लिए नीति तैयार करती है. पिछले दिनों जिन लोगों के परिसरों की तलाशी ली गयी, उनमें कमलनाथ के पूर्व ओएसडी प्रवीण कक्कड़, पूर्व सलाहकार राजेंद्र मिगलानी, अश्विनी शर्मा, पारसमल लोढ़ा, उनके बहनोई की कंपनी मोजर बेयर से जुड़े अधिकारी व उनके भांजे रतुल पुरी शामिल हैं.

इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने चुनाव आयोग से कहा है कि उसके राजस्व विभाग की कार्रवाई हमेशा राजनीतिक संबंधों पर गौर किये बिना तटस्थ, निष्पक्ष तथा भेदभाव रहित होती है. आयकर विभाग के विपक्षी दलों के करीबी माने जाने वाले लोगों पर लगातार छापे के बीच मंत्रालय ने यह बात कही है. चुनाव आयोग के एक पत्र का जवाब देते हुए राजस्व विभाग ने आठ अप्रैल को लिखी अपनी चिट्ठी में आयोग से आयकर विभाग के साथ चुनावी प्रक्रिया में अवैध धन के उपयोग के बारे में सूचना साझा करने को भी कहा है. आयोग ने राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे को सात अप्रैल को लिखे पत्र में विभाग को सुझाव दिया था कि उसकी प्रवर्तन एजेंसियों की चुनाव के दौरान कोई भी कार्रवाई निष्पक्ष और गैर भेदभावपूर्ण होनी चाहिए. साथ ही ऐसी किसी भी कार्रवाई के बारे में चुनाव आयोग के अधिकारियों को सूचित करने को कहा. आम चुनावों के कारण 10 मार्च से आचार संहिता लागू होने के बाद आयकर विभाग ने राजनेताओं तथा उनसे जुड़े लोगों पर कई छापे मारे हैं. विपक्षी दलों ने इसे चुनाव के दौरान केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करार दिया है.

सूत्रों के अनुसार, अपने जवाब में पांडे ने लिखा है, हम तटस्थ पक्षपातहीन और गैर भेदभावपूर्ण शब्दों का अर्थ समझते हैं. इसका मतलब है कि हमें जब कभी किसी के खिलाफ सूचना मिले, हम उसके खिलाफ कार्रवाई करें, चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल से क्यों न संबंधित हो. विभाग इसी विचार पर काम करता रहा है और आगे भी करता रहेगा. विभाग ने पत्र में चुनाव आयोग से यह भी आग्रह किया है कि वह अपने क्षेत्रीय अधिकारियों से कहे कि जब भी उन्हें चुनावी प्रक्रिया में अवैध धन के उपयोग के बारे में सूचना मिले, वे तत्काल कार्रवाई करें. पांडे ने पत्र में कहा है, चुनाव आयोग के साथ राजस्व एजेंसियों की काला धन के चुनाव में उपयोग को रोकने की जवाबदेही है. ऐसे में हम चुनाव आयोग से यह आग्रह करेंगे कि वह आचार संहिता लागू करने में लगे अपने क्षेत्र में कार्यरत अधिकारियों को यह सलाह दे कि जब भी उन्हें चुनावी प्रक्रिया में अवैध धन के उपयोग के बारे में कोई सूचना मिले, वे चुनाव और उपयुक्त कानून के तहत अपने स्तर से तत्काल कार्रवाई करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें