कोलकाता : चुनाव आयोग द्वारा चुनाव के ठीक पहले कूचबिहार के पुलिस अधीक्षक अभिषेक गुप्ता को हटाये जाने पर तृणमूल कांग्रेस भड़क उठी है तथा चुनाव आयोग की निरपेक्षता को लेकर सवाल उठाया है.
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव व राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने पुलिस अधीक्षक को हटाये जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि यह लज्जा है. चुनाव आयोग के लिए लज्जा का विषय है. भाजपा के नेता कुछ दिन पहले पुलिस अधीक्षक को हटाने की धमकी दे रहे थे और भाजपा के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक को हटा दिया गया.
श्री चटर्जी ने कहा कि वह चुनाव आयोग की मर्यादा का सम्मान करते हैं, लेकिन जिस तरह से चुनाव के ठीक पहले अधिकारियों के तबादले किये जा रहे हैं, उससे चुनाव आयोग की निरपेक्षता पर सवाल खड़ा करते हैं. इससे यह साबित होता है कि चुनाव आयोग केंद्र सरकार के निर्देश पर काम कर रहा है.
उन्होंने कहा कि भाजपा कितना भी कोशिश कर ले, लेकिन मतदान के लिए राज्य की जनता इसका जवाब देगी. दूसरी ओर, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने चुनाव आयोग द्वारा पुलिस अधीक्षक को हटाये जाने को तर्कसंगत करार देते हुए कहा कि पुलिस अधीक्षक के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस के साथ मिल कर विरोधी दलों परेशान करने के आरोप लगे थे. चुनाव आयोग ने आरोप की सत्यता के आधार पर निष्पक्ष चुनाव को सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया है.
विधानसभा में माकपा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि इससे यह साबित हो जाता है कि राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों की कमर तृणमूल कांग्रेस ने तोड़ दी है. चुनाव में ड्यूटी करने वाले अधिकारियों को भी अब राज्य की पुलिस पर भरोसा नहीं है और वे केंद्रीय वाहिनी की तैनाती की मांग कर रहे हैं. वे लोग चाहते हैं कि चुनाव ऐसे माहौल में हो, ताकि मतदाता बिना किसी भय के मतदान कर सकें.