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रांची : रहें सावधान! जलेबी और लड्डू में मिलाया जा रहा हानिकारक रंग
रांची : राजधानी रांची के ज्यादातर छोटे होटलों और ठेले पर बिक रहे जलेबी-लड्डू और बुंदिया में खानेवाले रंग की जगह अौद्योगिक रंग (इंडस्ट्रियल कलर) मिलाया जा रहा है, जो लाल-चंपई रंग का होता है. कामधेनू सहित कई तरह के रंग बाजार में खुलेआम मिल रहे हैं. पुड़िया वाला पीला या गंधक रंग अखाद्य रंग […]
रांची : राजधानी रांची के ज्यादातर छोटे होटलों और ठेले पर बिक रहे जलेबी-लड्डू और बुंदिया में खानेवाले रंग की जगह अौद्योगिक रंग (इंडस्ट्रियल कलर) मिलाया जा रहा है, जो लाल-चंपई रंग का होता है.
कामधेनू सहित कई तरह के रंग बाजार में खुलेआम मिल रहे हैं. पुड़िया वाला पीला या गंधक रंग अखाद्य रंग है. इसे मेटानिल येलो भी कहा जाता है. यह रंग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है तथा इसे खाने से जी मिचलाना व सिर दर्द सहित अन्य गंभीर रोग का भी खतरा है. चिकित्सकों के अनुसार इसके सेवन से जिगर व यकृत संबंधी रोग तथा कैंसर भी हो सकता है.
शहर भर के ठेले सहित होटलों में बिकनेवाले लड्डू, जलेबी, बुंदिया, मंचूरियन व चार्ट (छोला सहित अन्य) में यह रंग धड़ल्ले से प्रयोग किया जा रहा है. ऐसी चीजें खरीदते वक्त होटल या ठेलेवालों को इसमें मिलाया गया रंग दिखाने को कहें. रंग युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन में पर्याप्त सावधानी जरूरी है. बेहतर होगा कि रंगीन खाद्य पदार्थ, खास कर पीले रंग से परहेज किया जाये. कोशिश करें कि बिना रंग वाबी जलेबी व अन्य मिठाइयों का सेवन करें.
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