केनबरा : न्यूजीलैंड के आधिकारिक निजता निगरानीकर्ता ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक को ‘नैतिक रूप से दिवालिया’ करार दिया और सुझाव दिया कि उनके देश को पड़ोसी ऑस्ट्रेलिया की तर्ज पर ऐसे कानून बनाने चाहिए जिससे क्राइस्टचर्च मस्जिद में गोलीबारी जैसी हिंसा की लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर उसके एक्जीक्यूटिव्स को जेल भेजा जा सके.
निजता आयुक्त जॉन एडवर्ड्स ने सोमवार को यह टिप्पणी ट्विटर पर की. इससे पहले हाल ही में इबादत के लिए जुटे 50 लोगों की एक बंदूकधारी द्वारा की गई हत्या की लाइवस्ट्रीमिंग के लिए इस प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल को लेकर फेसबुक की प्रतिक्रिया को लेकर भी आलोचना हो रही है. फेसबुक ने एक बयान में कहा कि वह नीतियों की मजबूती, तकनीक में सुधार के लिए ‘बेहद प्रतिबद्ध’ है और ‘फेसबुक को सुरक्षित रखने के लिए विशेषज्ञों के साथ काम कर रहा है.’
एडवर्ड ने रेडियो न्यूजीलैंड को बताया कि सरकार को साथ आने और ज्यादतियों की लाइवस्ट्रीमिंग रोकने के लिए ‘इस प्लेटफॉर्म को समाधान तलाशने के लिए बाध्य’ करना चाहिए.
वहीं एएफपी की खबर के मुताबिक वेलिंगटन में एडवर्ट ने कहा कि मार्क जुकरबर्ग अपनी प्रणाली को लेकर ‘गंभीर’ नहीं है. एक बंदूकधारी ने 15 मार्च को न्यूजीलैंड में दो मस्जिदों में की गई गोलीबारी की फेसबुक पर लाइवस्ट्रीमिंग की और प्लेटफॉर्म के यह कहने के बावजूद कि उसने ‘तत्परता’ से फुटेज हटा दी, इसका व्यापक प्रसार हुआ.