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लोकसभा चुनाव 2019 : जम्मू-कश्मीर में दो पूर्व मुख्यमंत्रियों की किस्मत दांव पर

जम्मू : जम्मू कश्मीर के 78 लाख से ज्यादा मतदाता राज्य की छह लोकसभा सीटों पर दर्जनों उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे. राज्य में पांच चरण में मतदान होना है जिसका आगाज बृहस्पतिवार से हो रहा है. इस चुनाव में दो पूर्व मुख्यमंत्रियों की किस्मत दांव पर है. राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शैलेंद्र […]

जम्मू : जम्मू कश्मीर के 78 लाख से ज्यादा मतदाता राज्य की छह लोकसभा सीटों पर दर्जनों उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे. राज्य में पांच चरण में मतदान होना है जिसका आगाज बृहस्पतिवार से हो रहा है. इस चुनाव में दो पूर्व मुख्यमंत्रियों की किस्मत दांव पर है. राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शैलेंद्र कुमार ने बताया कि 78,42979 मतदाताओं में सवा चार लाख नये मतदाता हैं जिनमें 159 ट्रांसजेंडर हैं.

उन्होंने बताया कि इनमें 47,216 दिव्यांग मतदाता हैं जबकि 1,433 वीआईपी वोटर हैं. कुमार के मुताबिक, समूचे राज्य में 11,316 मतदान केंद्र हैं जिनमें 5,450 जम्मू क्षेत्र में और 5,307 कश्मीर घाटी में और 559 लद्दाख क्षेत्र में हैं. कुमार ने बताया कि कश्मीर घाटी के 10 जिलों में सबसे ज्यादा 39,99,959 मतदाता हैं जिनमें 19,36,220 महिला और 92 ट्रांसजेंडर हैं.

वहीं, जम्मू क्षेत्र के 10 जिलों में 36,71,197 मतदाता हैं जिनमें 17,53,939 महिला और 63 टांसजेंडर वोटर शामिल हैं. इसके अलावा लद्दाख क्षेत्र में 1,71,819 वोटर हैं जिनमें 85,064 महिलाएं एवं तीन ट्रांसजेंडर मतदाता हैं. जम्मू और उत्तर कश्मीर की बारामूला लोकसभा सीटों पर 11 अप्रैल को मतदान होना है. जम्मू सीट से सबसे ज्यादा 24 उम्मीदवार मैदान में है. सीट के तहत ही जम्मू, सांबा, पुंछ और राजौरी आते हैं.

भाजपा ने यहां से मौजूदा सांसद जुगल किशोर को टिकट दिया है जो 2014 के आम चुनाव में इस सीट से करीब 2.57 लाख मतों से जीते थे. हालांकि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जम्मू सीट से कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व मंत्री रमन भल्ला को अपना समर्थन दिया है. जबकि पीडीपी ने धर्मनिरपेक्ष मतों का बिखराव रोकने के लिए जम्मू और उधमपुर सीटों से उम्मीदवार नहीं उतारने का निर्णय किया है.

उधमपुर में 18 अप्रैल को मतदान होना है जहां से केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ताल ठोंक रहे हैं और उनका सामना कांग्रेस के प्रत्याशी और डोगरा वंश के वारिस विक्रमादित्य सिंह और भाजपा के पूर्व मंत्री तथा डोगरा स्वाभिमान संगठन के संस्थापक लाल सिंह एवं नेशनल पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष हर्ष देव सिंह से है.

वहीं, मध्य कश्मीर की श्रीनगर लोकसभा सीट से नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. उन्होंने 2017 में हुए उपचुनाव में पीडीपी से यह सीट छीन ली थी. सीट पर कांग्रेस ने अब्दुल्ला का समर्थन किया है. फिर भी उनका मुकाबला 11 उम्मीदवारों से है. दक्षिण कश्मीर की अनंतनाग संसदीय सीट से पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती मैदान में हैं, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें चुनौती देने के लिए अपने प्रत्याशी जी ए मीर को उतारा है.

मुफ्ती को कुल 17 उम्मीदवार चुनौती दे रहे हैं. गौरतलब है कि इस सीट पर चुनौतीपूर्ण सुरक्षा स्थिति की वजह से तीन चरणों में मतदान होना है. वहीं, उत्तर कश्मीर की बारामूला लोकसभा सीट पर पीडीपी का कब्जा है, लेकिन इस पर उसने नये चेहरे अब्दुल कयूम वानी को उतारा है. उनके सामने नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता मोहम्मद अकबर लोन, पूर्व विधायक शेख अब्दुल राशिद और पीपल्स कॉन्फ्रेंस के राजा एजाज अली हैं.

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