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लोकसभा चुनाव : राजनीतिक परिवार वाले युवाओं पर ही पार्टियां जताती हैं भरोसा, नये युवाओं को टिकट देने में कंजूसी
दीपक कुमार मिश्रा पटना : सभी राजनैतिक दल राजनीति में युवाओं को आगे लाने की हिमायती तो बनते हैं. लेकिन, जब टिकट देने की बात आती है तो राजनीतिक दल वैसे युवाओं को ही टिकट देती है, जो राजनीतिक पृष्टभूमि या राजनैतिक परिवार से आते हैं. इस लोकसभा चुनाव में भी राज्य में आधा दर्जन […]
दीपक कुमार मिश्रा
पटना : सभी राजनैतिक दल राजनीति में युवाओं को आगे लाने की हिमायती तो बनते हैं. लेकिन, जब टिकट देने की बात आती है तो राजनीतिक दल वैसे युवाओं को ही टिकट देती है, जो राजनीतिक पृष्टभूमि या राजनैतिक परिवार से आते हैं. इस लोकसभा चुनाव में भी राज्य में आधा दर्जन युवा किस्मत आजमा रहे हैं, जिसमें अधिकतर राजनीतिक पृष्टभूमि परिवार वाले हैं. बेगूसराय से भाकपा के उम्मीदवार कन्हैया कुमार की बात छोड़ दें तो उसी श्रेणी से आते हैं. कन्हैया भी छात्र राजनीति से जुड़े रहे हैं.
आधा दर्जन युवा हैं चुनाव मैदान में : राज्य में लोकसभा चुनाव में आधा दर्जन युवा मैदान में है.जमुई से चिराग पासवान चुनाव लड़े रहे हैं. वे खुद सांसद तो हैं ही इनके पिता और चाचा भी सांसद हैं. एक चाचा नीतीश सरकार में मंत्री है. मोतिहारी से रालोसपा के उम्मीदवार आकाश सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री व राज्यसभा सांसद तथा कांग्रेस अभियान समिति के अध्यक्ष अखिलेश सिंह के पुत्र हैं. नवादा से लोजपा उम्मीदवार चंदन पूर्व सांसद सूरजभान के भाई है. सूरजभान की पत्नी भी सांसद हैं.
सीवान से जदयू प्रत्याशी कविता सिंह खुद विधायक हैं. इनकी सास जगमातो देवी भी विधायक थीं. यह अलग बात है कि पूर्णिया से जदयू उम्मीदवार संतोष कुशवाहा सांसद है. वीआइपी के मुकेश सहनी खगड़िया से चुनाव मैदान में हैं. वे अपनी पार्टी के खुद मालिक हैं.
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